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तालिबान के द्वारा सोमवार को कहा गया कि अफगानिस्तान में प्रतिरोध की आखिरी जगह, पंजशीर घाटी, "पूरी तरह से कब्जा कर ली गई" तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, "इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है." अपने बयान में, मुजाहिद ने पंजशीर के निवासियों को आश्वस्त करने की मांग की कि वे सुरक्षित रहेंगे, यहां तक कि तालिबान के आने से पहले कई परिवार पहाड़ों में भाग गए थे.
मुजाहिद ने अपने बयान में कहा, "हम पंजशीर के माननीय लोगों को पूरा भरोसा देते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा, कि सभी हमारे भाई हैं और हम एक देश और एक साझा लक्ष्य की सेवा करेंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अफगान राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चे के एक वरिष्ठ सदस्य, जनरल अब्दुल वुडोद ज़ारा भी विद्रोही बलों और तालिबान के बीच गतिरोध के दौरान मारे गए थे.
जनरल वुडोद पंजशीर प्रतिरोध के नेता अहमद मसूद के भतीजे थे. समा न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ रिपोर्टों ने यह भी दावा किया गया है कि एक हेलीकॉप्टर द्वारा उनके घर पर हमला किए जाने के बाद अमरुल्ला सालेह सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं.
अफगान प्रतिरोध बल के प्रवक्ता फहीम दशती के विभिन्न अफगानिस्तान मीडिया द्वारा मृत घोषित किए जाने के तुरंत बाद यह घटनाक्रम सामने आया. सूत्रों के अनुसार, हजारों तालिबान लड़ाकों ने रातों-रात पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा कर लिया.
एक दिन पहले, अफगानिस्तान के उत्तरपूर्वी प्रांत पंजशीर में प्रतिरोध बलों के नेता अहमद मसूद के द्वारा कहा कि तालिबान के प्रांत छोड़ने पर प्रतिरोध बल लड़ाई बंद करने और बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं, स्पुतनिक ने रविवार को सूचना दी.
मसूद प्रतिष्ठित तालिबान विरोधी सेनानी अहमद शाह मसूद का बेटा है, जो संयुक्त राज्य में 9/11 के हमलों से कुछ दिन पहले मारा गया था।वही आपको बता दें कि अहमद ने रविवार को एक बयान जारी कर हाल के दिनों में जारी लड़ाई को समाप्त करने का आह्वान किया था.
युवा ब्रिटिश स्कूली मसूद ने कहा कि उनकी सेना अपने हथियार डालने के लिए तैयार थी, लेकिन केवल तभी जब तालिबान उनके हमले को समाप्त करने के लिए सहमत हो.रविवार की देर रात तालिबान से लदे दर्जनों वाहन पंजशीर घाटी में जाते हुए देखे गए.
अभी तक अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह की ओर से कोई बयान नहीं आया है, जिन्होंने अशरफ गनी के 15 अगस्त को देश से भाग जाने के बाद तालिबान के राजधानी के द्वार पर पहुंचने के बाद खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया था. वही आपको बता दें तालिबान ने बाद में उस दिन राष्ट्रपति भवन में प्रवेश किया.
पंजशीर घाटी काबुल से लगभग 90 मील उत्तर में हिंदू कुश पहाड़ों में स्थित है. कुछ ही महीनों में सरकार समर्थक टुकड़ियों में घुसने के बाद तालिबान प्रतिरोध की इस बड़ी पकड़ को लेने में असमर्थ रहा है.
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