Story Content
द्वितीय विश्व युद्ध में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई के रूप में 6 अगस्त 1945 को जापानी शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम फेंका. इसमें 20 हजार से ज्यादा सैनिक और करीब डेढ़ लाख आम लोगों की जान गई. लड़ाई से किसी को फायदा नहीं होता. चाहे पड़ोसियों के बीच विवाद हो या दो देशों के बीच युद्ध. देशों के बीच युद्ध में इमारतें गिरती हैं.
हिरोशिमा दिवस
अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है. सैनिकों से लेकर आम नागरिकों तक को बेवजह मार दिया जाता है, जो बच जाते हैं, उनकी उम्मीदें धराशायी हो जाती हैं. ऐसे में हिरोशिमा दिवस पर रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध में जान-माल के नुकसान को देख यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों ने अपनी स्पष्ट राय दी. कहा- युद्ध से किसी का भला नहीं हो सकता, बमबारी से गिरी इमारतों के मलबे में लोगों की उम्मीदें भी दब गई हैं.
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध ने मेरी पढ़ाई को अधर में डाल दिया. दोनों देशों के बीच जंग की वजह से डॉक्टर बनने का सपना चकनाचूर हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो इसके लिए युद्ध जिम्मेदार होगा। युद्ध का दृश्य मैंने अपनी आंखों से देखा है. मौत हर समय मंडरा रही थी. मेरा दावा है कि कहीं भी युद्ध नहीं होना चाहिए. तीसरा हमेशा इसका फायदा उठाता है. कभी हथियार बेचकर तो कभी ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज देकर फायदा उठाते हैं.
Comments
Add a Comment:
No comments available.