क्या है शराब घोटाले का गोलमाल, जानिए मुख्य सचिव की रिपोर्ट

पहले दिल्ली सरकार 530 रुपये की बोतल पर 223.89 रुपये एक्साइज ड्यूटी लेती थी, लेकिन नई पॉलिसी के तहत सरकार ने थोक कीमत पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर बोतल की कीमत का सिर्फ 1% कर दिया है।

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पहले दिल्ली सरकार 530 रुपये की बोतल पर 223.89 रुपये एक्साइज ड्यूटी लेती थी, लेकिन नई पॉलिसी के तहत सरकार ने थोक कीमत पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर बोतल की कीमत का सिर्फ 1% कर दिया है। इसलिए, शराब कारोबारियों को 530 रुपये की बोतल पर केवल 1.88 रुपये उत्पाद शुल्क देना पड़ता था। जबकि, इसी बोतल के लिए प्रत्येक ग्राहक से 30 रुपये लिए जाते थे।

मुख्य सचिव की रिपोर्ट की बातें

सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब व्यापारियों को 'रिश्वत' और 'कमीशन' के बदले अनुचित लाभ दिया। कोविड के बहाने शराब कारोबारियों की 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी गई.

एयरपोर्ट जोन के लाइसेंसधारियों को 30 करोड़ रुपये लौटा दिये गये, जबकि यह रकम जब्त की जानी थी, क्योंकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी थी.

विदेशी शराब की कीमतें तय करने के फॉर्मूले में संशोधन किया गया. बीयर पर प्रति पेटी 50 रुपये का उत्पाद शुल्क हटाया गया। इससे थोक विक्रेताओं के लिए विदेशी शराब सस्ती हो गई और सरकार की कमाई घट गई.

एलजी ने की जांच की सिफारिश

इस रिपोर्ट पर एलजी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की. सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को मामला दर्ज किया था. इसमें मनीष सिसौदिया, तीन पूर्व सरकारी अधिकारी, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया था. घोटाले में पैसों की हेराफेरी के भी आरोप लगे, इसलिए ईडी भी इसमें शामिल हो गई.

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