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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी बड़ी राहत, बैठक में हुए कई फैसले

GST काउंसिल की 48वीं बैठक शनिवार को हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल माध्यम से बैठक की अध्यक्षता की और बजट से पहले व्यापारियों और आम लोगों को बड़ी राहत दी.

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By Pooja Mishra | व्यापार - 19 December 2022

GST काउंसिल की 48वीं बैठक शनिवार को हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल माध्यम से बैठक की अध्यक्षता की और बजट से पहले व्यापारियों और आम लोगों को बड़ी राहत दी. बैठक के दौरान, जीएसटी परिषद नियमों के अनुपालन में कुछ अनियमितताओं को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर सहमत हुई. इसके साथ, परिषद ने अभियोजन शुरू करने की सीमा को 2 करोड़ रुपये तक दोगुना करने और नकली चालान के लिए 1 करोड़ रुपये की सीमा को बरकरार रखने का फैसला किया.

मंत्री निर्मला सीतारमण

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समय की कमी के कारण जीएसटी परिषद एजेंडे में शामिल 15 में से आठ मुद्दों पर ही फैसला ले सकी. बैठक के दौरान पान मसाला और गुटखा कारोबार में टैक्स चोरी रोकने की व्यवस्था करने पर भी कोई फैसला नहीं हो सका. उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि जीओएम की रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकती थी.

टैक्स चोरी रोकने की व्यवस्था

GST काउंसिल की बैठक खत्म होने के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोई नया टैक्स नहीं लाया गया है. इसके अलावा बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी लगाने पर कोई चर्चा नहीं हुई. जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेम को लेकर गठित मंत्री समूह की रिपोर्ट पर चर्चा नहीं हो सकी, लेकिन केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के प्रमुख विवेक जौहरी ने कहा कि किसी भी ऑनलाइन गेम में खिलाड़ी की ओर से सट्टा लगाया जाता है. विभाग की राय है कि भुगतान की गई राशि पर केवल 28 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाए.

जीएसटी हटाने का फैसला

जीएसटी काउंसिल की बैठक में दालों के छिलके पर जीएसटी हटाने का फैसला किया गया. बता दें कि अभी तक दाल के छिलके पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लगता था, लेकिन अब इसे घटाकर शून्य कर दिया गया है. इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा बैंकों को कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन पर प्रदान किया जाने वाला प्रोत्साहन एक सब्सिडी है और इसलिए जीएसटी के तहत कर योग्य नहीं है.


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