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पहलगाम शहीदों की पत्नियों का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भावुक रिएक्शन: कार्रवाई जारी रखने की अपील

पहलगाम हमले में पति और बेटे को खोने वाली भावनगर की काजलबेन परमार और शैलेश कलाथिया की पत्नी शीतलबेन कलाथिया ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना की और सरकार से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों के पूर्ण सफाए तक कार्रवाई जारी रखने का अनुरोध किया।

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Image Credit: google
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By Shraddha Singh | Delhi, Delhi | खबरें - 07 May 2025

पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति और पुत्र को खोने वाली गुजरात की काजलबेन परमार और सूरत की शीतलबेन कलाथिया ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सशस्त्र बलों की तारीफ की और सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई तब तक जारी रखने का अनुरोध किया जब तक वहाँ के पनाहगाहों का सफाया न हो जाए।

“भारत माता की जय” के साथ सलाम सेना को

भावनगर की काजलबेन परमार ने संवाददाताओं से कहा,

“मुझे भारतीय सेना पर गर्व है। मैं ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाकर हमारे शहीदों को श्रद्धांजलि देती हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज हम सबका दर्द समझा और कार्रवाई की—ऐसे हमले लगातार होते रहें, ताकि पाकिस्तान के आतंकी गढ़ों का सफाया हो।”

22 अप्रैल के पहलगाम हमले में उनके पति यतीश परमार और 12वीं में पढ़ने वाला पुत्र स्मित आतंकियों की गोली का शिकार हो गए थे। काजलबेन ने बताया कि स्मित अक्सर कहता था,

“मां, मैं भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करूंगा।”

बड़े बेटे की प्रतिक्रिया

काजलबेन के बड़े पुत्र अभिषेक परमार ने कहा,

“15वें दिन पीएम मोदी ने पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई का संकेत दिया। मैंने अपना पिता और भाई खो दिए—अब मुझे राहत की अनुभूति हो रही है।”

उनकी आंखों में अब भी मातम है, लेकिन अभिषेक ने यह भी कहा कि वह अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे और अपने परिवार के सपनों को पूरा करेंगे।

शीतलबेन का दर्द और उम्मीद

सूरत के रहने वाले दिवंगत शैलेश कलाथिया की पत्नी शीतलबेन कलाथिया ने बताया,

“मेरे पति को आतंकियों ने अकेला छोड़ ही नहीं, बल्कि हमारे परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य छीना। हमारी बेटी अब तक इस सदमे से बाहर नहीं आ पाई।”

उन्होंने सरकार से अपील की कि शैलेश के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की पूर्ण व्यवस्था की जाए और भावनात्मक काउंसलिंग उपलब्ध कराई जाए।

सरकार ने उठाए संवेदनशील कदम

  • अन्याय निवृत्ति: दोनों परिवारों को केंद्र और राज्य सरकार ने 25–25 लाख रुपये की राहत राशि की घोषणा की।

  • आधार कार्ड व रेशन कार्ड अपडेट: घटना में शहीद हुए परमार व कलाथिया परिवार के नाम तत्काल सरकारी दस्तावेजों पर शिश्ति की व्यवस्था।

  • मनोवैज्ञानिक सहायता: कश्मीर में स्थानीय अस्पतालों और गुजरात में विशेष सहायता केंद्र खोलकर पीड़ित परिवारों को काउंसलिंग उपलब्ध कराई जा रही है।

  • स्थानीय प्रतिनिधियों का दौरा: मंत्री तथा विधायक भावनगर और सूरत में परिवारों से मिले और पीड़ितों को आश्वस्त किया कि उन्हें न्याय मिलेगा।

देशभर में एकजुटता का संदेश

  • सोशल मीडिया ट्रेंड: #OperationSindoorSuccess और #NationFirst हैशटैग के तहत लोग सशस्त्र बलों को धन्यवाद दे रहे हैं।

  • समाचार चैनलों पर रिएक्शन: सेना-विशेषज्ञों ने कहा कि यह आत्मरक्षा का अधिकार था और आतंकवाद पर कड़ा प्रहार होता रहेगा।

  • अंतरराष्ट्रीय नज़रिया: कई देशों ने भी भारत की कार्रवाई को आतंकी ढांचा कमज़ोर करने का कदम बताया।


काजलबेन परमार और शीतलबेन कलाथिया जैसे परिवारों का दर्द जितना गहरा है, उनकी उम्मीदें भी उतनी ही ऊँची हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकियों के आकाओं को हिला दिया, लेकिन इनके लिए यह लड़ाई घर लौटने तक जारी रहेगी—तब तक जब तक हर आतंकी पनाहगाह धराशायी न हो जाए।

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