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हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है. कालाष्टमी के दिन बाबा काल भैरव की पूजा होती है. इस बार कालाष्टमी व्रत सावन में पड़ रहा है. ऐसे में इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया है. ऐसा मानते हैं कि आज के दिन बाबा काल भैरव की पूजा करने से हर तरह के रोग, दोष और पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा भी घर से बाहर निकल जाती है.
कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
20 जुलाई सुबह 7 बजकर 37 मिनट से शुरू होगी
21 जुलाई को सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक समाप्त
जो लोग काल भैरव के भक्त हैं, वे कालाष्टमी का व्रत रखते हैं और अपने क्रोध, लालच और अन्य सभी व्यसनों के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं और भगवान काल भैरव अपने भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और समृद्धि प्रदान करते हैं.
काल भैरव मंत्र
धर्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम्




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