Story Content
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल्स में बीजेपी को सरकार बनाते हुए दिखाया गया है। अगर चुनाव नतीजे भी इसी दिशा में जाते हैं, तो सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा? बीजेपी के लिए यह फैसला आसान नहीं होगा, क्योंकि पार्टी के भीतर कई दिग्गज इस दौड़ में शामिल हैं।
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री की रेस में कौन आगे?
बीजेपी के कई नेता ऐसे हैं, जो इस दौड़ में खुद को संभावित उम्मीदवार मान रहे हैं। हालांकि, बीजेपी की रणनीति का खास पहलू यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलावा किसी को पहले से पता नहीं होता कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं, जो इस रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
1. प्रवेश साहिब सिंह वर्मा
प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे इसलिए है क्योंकि बीजेपी ने उन्हें नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। वे दो बार सांसद और महरौली से विधायक रह चुके हैं। साथ ही, उनके पिता साहिब सिंह वर्मा भी दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
2. मनोज तिवारी
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए मनोज तिवारी भी इस रेस में मजबूत दावेदार हैं। वे दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सात में से छह लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी बदले थे, लेकिन तिवारी का टिकट बरकरार रखा गया, जिससे उनकी पार्टी में मजबूत स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
महिला मुख्यमंत्री की भी संभावना
अगर बीजेपी महिला वोटर्स को साधना चाहती है, तो वह दिल्ली को एक महिला मुख्यमंत्री भी दे सकती है। इससे पहले सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। इस बार तीन प्रमुख महिला नेता इस दौड़ में शामिल हैं—
- स्मृति ईरानी: केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं और दिल्ली की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
- मीनाक्षी लेखी: वे भी केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं और दिल्ली में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।
- बांसुरी स्वराज: पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी और नई दिल्ली से सांसद हैं, जो पार्टी में एक नया और लोकप्रिय चेहरा हो सकती हैं।
बीजेपी की रणनीति: डिप्टी सीएम का भी हो सकता है फैसला
हाल के विधानसभा चुनावों को देखें तो बीजेपी ने कई राज्यों में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए डिप्टी सीएम की रणनीति अपनाई है। ऐसा संभव है कि दिल्ली में भी एक मुख्यमंत्री के साथ दो डिप्टी सीएम बनाए जाएं, जिससे पार्टी सभी समुदायों और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर सके।
अब सबकी नजरें चुनाव नतीजों पर टिकी हैं, जो तय करेंगे कि दिल्ली की कमान किसके हाथ में जाएगी।




Comments
Add a Comment:
No comments available.