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लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ED ने भेजा समन
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की परेशानियां फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेज प्रताप यादव को समन जारी किया है।
ED ने तलब किया लालू परिवार को
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तेज प्रताप यादव और राबड़ी देवी को मंगलवार (18 मार्च) को पटना के जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया है, जबकि लालू प्रसाद यादव को बुधवार (19 मार्च) को पेश होने के लिए कहा गया है। इससे पहले इसी केस में लालू यादव की बेटी मीसा भारती और बेटे तेजस्वी यादव को जमानत मिल चुकी थी, जबकि कोर्ट ने लालू यादव को स्वास्थ्य कारणों से पेशी से छूट दी थी। अब देखना होगा कि वे इस बार ED के सामने पेश होते हैं या नहीं।
क्या है जमीन के बदले नौकरी घोटाला?
ये घोटाला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने रेलवे में ग्रुप D की नौकरियां देने के बदले कई लोगों से जमीन अपने या अपने परिवार के नाम ट्रांसफर करवाई। इस मामले में CBI और ED दोनों जांच कर रहे हैं।
ED ने फरवरी में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें लालू यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में 3 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है।
ED की सख्ती से बढ़ सकती हैं मुश्किलें
ED की इस पूछताछ से ये तय होगा कि जांच आगे किस दिशा में जाएगी। अगर लालू यादव और उनके परिवार के जवाब एजेंसी को संतोषजनक नहीं लगे, तो ED आगे सख्त कार्रवाई कर सकती है। इसके तहत सम्पत्तियों की कुर्की, नए गिरफ्तारी वारंट और चार्जशीट दाखिल करने जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
इससे पहले भी लालू यादव कई घोटालों में घिरे रहे हैं, जिनमें चारा घोटाला सबसे बड़ा मामला था। हालांकि बीमारी और उम्र के आधार पर उन्हें जमानत मिली हुई है, लेकिन नए मामले में उनकी मुश्किलें फिर बढ़ती दिख रही हैं।
राजनीतिक हलचल तेज
इस मामले पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज़ हो गई है। राजद (RJD) नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही है, जबकि बीजेपी और जेडीयू (JDU) इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई बता रहे हैं।
अब देखना होगा कि ED की इस पूछताछ के बाद लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती हैं या उन्हें राहत मिलती है।




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