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पिछले पांच सालों में सरकार ने दी 8.7 लाख करोड़ रुपये की टैक्स छूट, मिडिल क्लास को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने बीते पांच वर्षों में इंडीविजुअल्स (Individuals) और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) को कुल 8.7 लाख करोड़ रुपये की टैक्स छूट दी है। यह जानकारी लोकसभा में सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से सामने आई है। दिलचस्प बात यह है कि यह टैक्स छूट कॉरपोरेट सेक्टर को दी गई टैक्स छूट के दोगुने से भी अधिक है। सरकार ने पिछले पांच सालों में कॉरपोरेट सेक्टर को 4.5 लाख करोड़ रुपये की टैक्स छूट दी है।
विपक्ष अक्सर सरकार पर कॉरपोरेट सेक्टर के प्रति झुकाव रखने का आरोप लगाता रहा है, लेकिन ये आंकड़े बताते हैं कि इंडीविजुअल टैक्सपेयर्स और मिडिल क्लास को सरकार ने कहीं अधिक राहत दी है। खासतौर पर, वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास के लिए बड़े ऐलान किए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है।
12 लाख तक की आय पर टैक्स फ्री, स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ मिलेगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में टैक्सपेयर्स को राहत देने की घोषणा की। अब न्यू टैक्स रिजीम के तहत सालाना 12 लाख रुपये कमाने वाले व्यक्तियों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इससे मिडिल क्लास का टैक्स बोझ कम होगा और उनके हाथ में खर्च करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये ज्यादा आएंगे, जिससे घरेलू खपत, सेविंग और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, 75000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जारी रहेगा। यानी जिनकी सालाना इनकम 12.75 लाख रुपये तक है, उन्हें कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा।
नए इनकम टैक्स स्लैब्स में बदलाव, 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
बजट 2025-26 में नए टैक्स स्लैब को और आकर्षक बनाया गया है। अब 4 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे निम्न और मध्यम आय वर्ग को काफी राहत मिलेगी।
सीनियर सिटीजंस के लिए बड़ी राहत, टीडीएस लिमिट 1 लाख रुपये तक बढ़ी
वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) के लिए भी बड़ा ऐलान किया है।
- ब्याज पर टीडीएस लिमिट (TDS Limit) को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है।
- अब बैंक एफडी और बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज पर 1 लाख रुपये तक कोई टीडीएस नहीं कटेगा।
- इससे सीनियर सिटीजंस को ज्यादा ब्याज कमाने का अवसर मिलेगा और उनकी बचत को बढ़ावा मिलेगा।
नौकरीपेशा और पेंशनर्स को मिलेगा सीधा फायदा
इस बजट में नौकरीपेशा और पेंशनर्स के लिए भी बड़ी राहत दी गई है।
- 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है, जिससे सैलरीड क्लास और रिटायर्ड कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलने से करदाताओं की टैक्स देनदारी और कम हो जाएगी।
- नई टैक्स प्रणाली के तहत कई कर बचत योजनाएं शामिल की गई हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को और राहत मिलेगी।
मिडिल क्लास को मिलेगी राहत, अर्थव्यवस्था को होगा फायदा
इस बजट में टैक्स छूट के जरिए मिडिल क्लास को मजबूत करने की कोशिश की गई है। इससे न केवल लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा बचेगा, बल्कि घरेलू मांग, बाजार की गति और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस तरह, सरकार ने बीते पांच सालों में इंडीविजुअल्स और HUF को बड़ी टैक्स छूट देकर मिडिल क्लास को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है। यह आंकड़े यह साबित करते हैं कि सरकार सिर्फ कॉरपोरेट सेक्टर का ही नहीं, बल्कि आम जनता का भी पूरा ध्यान रख रही है।
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