जानिए क्या होता है ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का अर्थ, कैसे तय होती है इसकी रैंकिंग?

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी किया जिसके मुताबिक 2020 में देश ने 14 पायदान की छलांग लगाई है।

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आर्थिक चर्चाओं में आपने अक्सर ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस'  शब्द का जिक्र सुना होगा। किसी भी देश के विकास के लिए यह जरूरी है कि वहां विदेशी निवेश की सबसे ज्यादा हो। हालांकि इसके लिए किसी भी देश को कई चीज़ों पर अच्छा परफॉर्म करना पड़ता है। ऐसे में कई लोगों को इस शब्द की जानकारी भी नहीं होंगी। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर क्या होता है ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस? 

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का अर्थ है कि किसी भी देश में बिजनेस कितनी आसानी से शुरू किया जा सकता है। इसका मकसद यह जानना है कि किस देश में कारोबार शुरू करना आसान है और किस देश में कठिन। इससे ये पता चलता है कि किसी देश में बिज़नेस करना कितना ज्यादा आसान है।


कैसे होती है रैंकिंग? 

ये बिजनेस एक इंडेक्स है, ऐसे विश्व बैंक हर वर्ष डूइंग बिजनेस रिपोर्ट उपलब्ध करता है जिसके अंदर 10 पैमानों पर 190 देशों की रैकिंग होती है यहीं ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग’ कहलाती हैं। यह एक ऐसी फिगर है, जिसमें कई पैरामीटर्स होते हैं। इनमे  कंस्ट्रक्शन परमिट, रजिस्ट्रेशन, क्रेडिट मिलना, टैक्स पेमेंट मेकेनिज्म आदि को शामिल किया जाता है। इन मानकों के आधार पर ही देशों की रैंकिंग तय की जाती है।

देशों की रैंक जिस आधार पर तय की जाती है वो है बिजली कनेक्शन लगने वाला समय, कॉन्ट्रैक्ट को लागू करना, बिजनेस की शुरूआत, प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन करना, दिवालियापन के केस को सुलझाना, कंस्ट्रक्शन सर्टिफिकेट का होना, लोन उपलब्ध होने में वक्त लगना, माइनॉरिटी इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा आदि शामिल होते हैं।


हाल में क्या है रिपोर्ट के आंकड़े?

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी किया जिसके मुताबिक 2020 में देश ने 14 पायदान की छलांग लगाई है। 2020 में भारत की रैंकिंग 63वीं रही है।  बता दें कि पिछली सूची में भारत का स्थान 77वां था।  विश्व बैंक की रिपोर्ट में इस रैंकिंग सुधार की अहम वजह सरकार का 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम और निवेश आकर्षित करने के लिए अन्य सुधार करना बताया गया.


 रैंकिंग के आधार पर क्या होते हैं फायदे ?

किसी भी देश की आर्थिक ग्रोथ में ईज ऑफ डूइंग बिजनस की महत्वपूर्ण भूमिका  है।अगर  किसी भी देश में छोटे एवं मध्यम स्तर के उपक्रम ग्रोथ करते हैं तो देश भी तेजी से विकास कर सकता है। देश, क्षेत्र सभी के आर्थिक विकास में इसकी अहम भूमिका होती है और किसी भी देश के लिए ये बहुत ही फायदेमंद होता है। इस रैंकिंग के आधार पर देश का विकास भी तेज़ी से होता है।

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