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RBI ने सभी बैंकों को दिया निर्देश, 30 सितंबर तक लागू होगा चेक सिस्टम

भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 30 सितंबर 2021 तक अपने सभी ब्रांच में चेक ट्रंकेशन सिस्टम को लागू कर दें। वही इससे देश में चेक क्लियरेंस में तेजी आएगी।

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By Asna | व्यापार - 16 March 2021

भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को 30 सितंबर 2021 तक अपनी सभी शाखाओं में चेक ट्रंकेशन सिस्टम को लागू करने का निर्देश दिया है। इससे देश में चेक क्लीयरेंस में तेजी आएगी। यह प्रणाली वर्ष 2010 से शुरू की गई थी लेकिन अब तक यह केवल 1,50,000 शाखाओं में लागू की गई है। लेकिन अब आरबीआई के नए निर्देश के अनुसार, इस प्रणाली को सभी बैंकों की सभी शाखाओं में लागू किया जाना है।

क्या कहा रिजर्व बैंक ने जानिए

बता दें सभी बैंकों के चेयरमैन एंव मैनेजिंग डायरेक्टर को भेजे गए सर्कुलर में रिजर्व बैंक ने कहा है, यह देखा गया है कि बैंकों की कई शाखाओं को किसी तरह की औपचारिक क्लियरिंग सिस्टम से बाहर रखा गया है। वही इसकी वजह से उनके ग्राहकों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि  समय ज्यादा लगता है और चेक के कलेक्शन में लागत भी ज्यादा आती है। सीटीएस की उपब्धता बढ़ाने और सभी जगहों के ग्राहकों को एक समान ग्राहक अनुभव प्रदान करने के लिए सभी बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी सभी शाखाओं में इमेज आधारित सीटीएस 30 सितंबर 2021 तक लागू किया जाए।

क्या है चेक ट्रंकेशन सिस्टम

चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक को क्लियर करने की एक प्रक्रिया है। इसमें जारी किए गए चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है बल्कि चेक की फोटो लेकर ही उसे क्लियर कर दिया जाता है। असल में पुरानी व्यवस्था में चेक जिस बैंक में प्रस्तुत किया जाता है, वहां से अदाकर्ता बैंक शाखा तक की यात्रा करता है। इस समय इसे क्लियर होने में समय लगता हैं। सीटीएस में चेक के स्थान पर क्लियरिंग हाउस की ओर से इसकी इलेक्ट्रॅानिक फोटो अदाकर्ता शाखा को भेज दी जाती है। इसके साथ ही MICR बैंड डेटा, तारीख की तारीख, वर्तमान बैंक विवरण भी इसके साथ भेजे जाते हैं।

क्या है फायदें

चेक ट्रंकेशन सिस्टम चेक के कलेक्शन की प्रक्रिया को तेज बना देता है। वही इससे ग्राहकों को अच्छी सेवाएं देने में मदद मिलती हैं। वही चेक की रकम तत्काल क्लियर होने से  ग्राहक की जरुरत समय से पूरी होती है। यह लागत को घटाता हैं। लॅाजिस्टिक्स से जुड़ी समस्याओं को कम करता है जिससे पूरे बैंकिंग को फायदा होता हैं।


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