लाल किले पर हंगामे को लेकर भड़की कंगना रनौत, प्रियंका- दिलजीत पर साधा यूं निशाना

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में एक अलग ही हंगामे की आग देखने को मिली थी। यहां जानिए उसकी लपटे कैसे बॉलीवुड तक जा पहुंची है।

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जहां पूरा भारत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मना रहा था। वही, एक अलग ही नजारा लोगों के बीच देखने को मिला था। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस और किसानों के बीच जमकर संघर्ष और प्रदर्शन देखने को मिला। इतना ही नहीं पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने के लिए कई तरीके अपनाएं उनकी में से कुछ रहे आंसू गैस के गोले छोड़ना और लाठीचार्ज के जरिए सख्त कदम उठाना। लेकिन सबसे हैरान कर देने वाला मंजर तो तब देखने को मिला जब कुछ किसानों ने लाल किले पर पहुंचकर वहां अपना झंडा ( यहां निशान साहेब या फिर निशान साहिब की बात हो रही है) फहराया।

किसानों द्वारा उठाए गए इस कदम का  जहां कुछ लोग सपोर्ट करते हुए नजर आ रहे हैं। तो कुछ  विरोध करते हुए। ऐसा ही कुछ बॉलीवुड खेमे में  भी देखने को मिला है। जहां कंगना रनौत लगातार इस पर अपना रिएक्शन देती हुई नजर आ रही है। साथ ही सिंगर- एक्टर दिलजीत दोसांझ और एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा से सफाई मांगती दिखी है।

वीडियो शेयर कर भड़की कंगना रनौत

इसके अलावा कंगना रनौत ने एक वीडियो भी शेयर किया था। उसमें उन्होंने गणतंत्र दिवस के दिन  लाल किले पर हमला करने और खालिस्तान का  झंडा लहराने को लेकर जबरदस्त तरीके से विरोध किया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग कथित तौर पर किसान आंदोलन का सर्पोट कर रहे हैं उन सबको जेल में डाला जाए।


आपको हम बताते चलें कि किसान पिछले दो महीने से कृषि कानून को लेकर आंदोलन करने में जुटे हुए हैं। जहां कंगना कृषि कानून का समर्थन कर रही हैं। वही, दूसरी तरफ दिलीजत दोसांझ और प्रियंका चोपड़ा किसानों का समर्थन करते हुए नजर आए थे। प्रियंका ने दरअसल लिखा था कि किसान तो हमारे सैनिक हैं। उनके हर डर को खत्म करना जरूरी है। उनकी उम्मीदों का पूरा होना जरूरी है। लोकतंत्र होने के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि ये विवाद जल्द ही सुलझ जाए।

इसके अलावा दिलजीत दोसांझ ने लिखा- कुछ लोग प्रदर्शन को हिंदू-सिख की लड़ाई बना रहे हैं। बात सिर्फ किसानों की हो रही है। धर्म की नहीं। धर्म कभी भी लड़ाई की बात नहीं करता है। आपको यहां बताते चले कि कई बार कंगना रनौत और दिलजीत दोझांस के बीच इस मुद्दे को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है।

26 जनवरी के दिन किसान परेड के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जहां डीटीसी की 8 बसों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया। वहीं, टैक्टर के जरिए उनमें टक्कर तक मारी गई। साथ ही साथ 17 वाहन भी आम लोगों के प्रभावित हुए और 300 बैरिकेड्स भी तोड़ गए। 

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