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हिंदू धर्म के खास अक्षय तृतीया के मौके पर पवित्र चार धाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। आने वाले 6 महीने तक चार धाम की यात्रा अ श्रद्धालुओं कर सकेंगे। अक्षय तृतीया को बेहद ही शुभ मुहूर्त माना जाता है। इसीलिए इस दिन से ही चार धाम की यात्रा की शुरुआत की होती है। भक्त इसका काफी बेसब्री के साथ इंतजार करते हैं।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना की और माँ गंगा के दर्शन किए। पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा की गई। यमुना मां की उत्सव डोली यमुनोत्री धाम पहुंची और पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले। दरअसल यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा को चारधाम यात्रा कहते हैं और इस यात्रा को छोटा चारधाम भी कहते हैं। इन चार पवित्र स्थलों पर दिव्य आत्माओं का वास माना जाता है। केदरनाथ धाम को भगवान शिव का आराम का स्थल माना गया है तो बद्रीनाथ धाम को आठवां बैकुंठ कहा गया है, जहां भगवान विष्णु 6 माह निद्रा में तो 6 माह जागते हैं।
जानिए चार धाम का क्या है महत्व?
इसके अलावा यमुनोत्री धाम यमुना नदी का स्त्रोत स्थल माना जाता है तो गंगोत्री धाम को गंगा नदीं के स्त्रोत से जोड़कर देखा गया है। इस यात्रा के करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कहते हैं इस यात्रा के करने से सभी तरह के रोग व शोक दूर होते हैं और आध्यात्मिक विकास होता है। इस बार चारधाम यात्रा के लिए सुरक्षा के खास प्रबंध किए गए हैं। यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं। यात्रा रूपट को 2 सुपर जोन, 7 जोन और 26 सेक्टरों में बांटा गया है।
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