भारत के 70 जिलों में आईसीएमआर का सर्वे, कोरोना मामलों में बढ़ोत्तरी जारी

कोरोना का खतरा लगतार बाना हुआ है,और लोगों के मन में कोरोना को लेकर दर भी मौजूद है

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कोरोना का खतरा लगतार बाना हुआ है,और लोगों के मन में कोरोना को लेकर दर भी मौजूद है. भारत की जनसँख्या ज्यादा होने की वजह से और वैक्सीन की कमी होने के चलते ज्यादा लोग वकीनटेड नहीं हो पाए हैं.इसलिए भारत में 70 जिलों में आईसीएमआर ने किया राष्ट्रीय सीरो सर्वे. सर्वे के चौथे चरण के रिजल्ट को  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को शेयर किया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से 14 जून से छह जुलाई के बीच किए गए एक सर्वे के रिजल्ट्स के अनुसार, 11 राज्यों में किये गये सर्वेक्षण में कम से कम दो-तिहाई जनसँख्या में कोरोना वायरस एंटीबॉडी इज़ाफ़ा हुआ है. एमपी में 79 परसेंट ‘सीरोप्रीवैलेंस’ के साथ लिस्ट में सबसे टॉप पर पर है तो वहीं केरल में 44.4 परसेंट के साथ सबसे नीचे है. असम में ‘सीरोप्रीवैलेंस’ 50.3 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 58 प्रतिशत है.


आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना था कि बुधवार को भारत में कोरोना वायरस से बचाव के लिए अभी तक 45 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी हैं जिनमें से 15.38 करोड़ खुराक 18 से 44 वर्ष आयुवर्ग के लोगों को मिली हैं. सर्वेक्षित जनसंख्या में ‘सीरोप्रीवैलेंस’ में राजस्थान में 76.2 परसेंट लोग वक्सीनेटेड हैं. और बिहार में 75.9 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगी है.गुजरात में 75.3 प्रतिशत आबादी और छत्तीसगढ़  में 74.6 परसेंट तो उत्तराखण्ड में 73.1परसेंट लोग वैक्सीन ले चुके है. यूपी में 71प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन ली है.आँध्र प्रदेश में 70.2प्रतिशत लोग हैं.और तमिलनाडु में 69.2,ओडिशा  में 68.1 परसेंट पायी गयी है,


इस सर्वे से आये रिजल्ट का ज़िक्र  करते हुए स्वस्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइस देते हुए कहा है कि वे आईसीएमआर से सलाह से खुद के सीरो अध्ययनों का निर्देशन करें जिससे यह तय हो जाए कि ये अध्ययन एक मानकीकृत प्रोटोकॉल का पालन करते हैं.

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