बदला लेने के लिए 22 किलोमीटर का सफ़र तय करके पहुंचा बंदर, वन विभाग को ख़बर दिए जाने से था नाराज़

एक इंसान दूसरे इंसान से बदला लेता है और इसके लिए हर हद पार कर देता है.

  • 2049
  • 0

एक इंसान दूसरे इंसान से बदला लेता है और इसके लिए हर हद पार कर देता है. ये बेहद आम बात है एक जानवर दूसरे जानवर से बदला लेने के लिए भी लड़ता है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ होगा कि एक जानवर इंसान से बदला लेने के लिए पहुंचा हो. कोट्टिघेरा गांव में कुछ ऐसा ही हुआ है यहां Bonnet Macaque प्रजाति का एक बंदर लोगों के लिए ख़ौफ़ का दूसरा नाम बन गया है. 5 साल का ये बंदर लोगों से फल और खाने की चीज़ें छिन रहा था लोगों ने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि बंदर ऐसा ही करते हैं स्कूल खुलने के बाद ये बंदर मोरारजी देसाई स्कूल के आस-पास घूमने-फिरने लगा बच्चे बंदर से डर रहे थे किसी ने वन विभाग को खबर दे दी और शरारती बंदर को पकड़ने के लिए एक टीम पहुंची.


बंदर को पकड़ना आसान नहीं था वन विभाग के अधिकारियों ने ऑटोरिक्शा वालों और अन्य लोगों से मदद मांगी और बहुत मशक्कत के बाद बंदर को पकड़ा एक ऑटोरिक्शा चालक, जगदीश भी मदद के लिए पहुंचा था परेशान बंदर ने जगदीश पर हमला कर दिया जगदीश वहां से भाग गया लेकिन बंदर उसके पीछे भागा जगदीश अपने ऑटो में छिप गया और बंदर ने ऑटो क शीट्स फाड़ दिए.


मै बहुत डर गया था मैं जहां जाऊं वो पागल बंदर मेरे पीछे पड़ जाए उसने मुझे इतनी ज़ोर से काटा कि डॉक्टर्स ने कहा ज़ख़्म ठीक होने में एक महीना लगेगा मैं अपना ऑटोरिक्शा भी नहीं चला सकता उस दिन मैं घर नहीं गया क्योंकि मुझे डर था कि वो घर तक पीछा करेगा घर पर छोटे बच्चे हैं अगर वो उन पर हमला कर दे तो मैं अभी भी डरा हुआ हूं.



30 लोगों की 3 घंटे की मशक्कत के बाद बंदर को पकड़ा गया वन विभाग ने गांव से 22 किलोमीटर दूर बालुर जंगल में बंदर को छोड़ दिया. कोट्टिघेरा के लोगों ने राहत की सांस ली गांववालों ने राहत की सांस ली कि बंदर अब उन्हें तंग नहीं करेगा.

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT