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Aditya L1: सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन, आदित्य L1 में शुक्रवार के दिन चौथी बार सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में एंट्री ले ली. भारतीय अंतरिक्ष संगठन में यह पूरी जानकारी दी है. अंतरिक्ष एजेंसी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, आदित्य एल 1 ने सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा का निरीक्षण किया है इसके अलावा बेंगलुरु, स्टस, एसएचएआर, मॉरीशस और ब्लेयर में इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने मिशन के दौरान सभी उपग्रहों की निगरानी की है.
अंतरिक्ष आधारित वेधशाला
आदित्य-एल1 पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर पृथ्वी से अलग लेंग्रेजिया बिंदु के चारों ओर प्रभा मंडल कक्षा का अध्ययन किया जा रहा था जिसमें भारत की सबसे पहले अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है. अगर परिवर्तन की बात करें तो पृथ्वी की कक्षा मैं परिवर्तन पहली दूसरी और तीसरी बार 3, 5 और 10 सितंबर को सक्सेसफुल तरीके से हुआ था.
गुरुत्वाकर्षण संतुलित स्थान
चार पृथ्वी-बाउंड कक्षा संक्रमणों से गुजरने के बाद, आदित्य-एल1 अगली बार ट्रांस-लैग्रेंजियन1 इंसर्शन ऑर्बिट इंसर्शन प्रक्रिया से गुजरेगा, जो एल1 लैग्रेंज बिंदु के आसपास गंतव्य के लिए अपने लगभग 110-दिवसीय प्रक्षेपवक्र की शुरुआत करेगा. L1 पृथ्वी और सूर्य के बीच एक गुरुत्वाकर्षण संतुलित स्थान है.




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