सरकार के नियमों को उड़ी धज्जियां, जानिए कोरोना के बीच कैसे बढ़ा रहा है प्रदूषण स्तर

दिवाली के बाद प्रदूषण लेवल जबरदस्त तरीके से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। आइए जानते हैं कि दिल्ली में कहां तक स्थिति हुई है गंभीर।

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भारत के कई राज्यों में भले ही पटाखों के जलाने पर बैन कर दिया गया है, लेकिन फिर भी 14 नवंबर के दिन हर साल की दिवाली की तरह इस बार भी जमकर आतिशाजी हुई। इसका मतलब ये कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की ओर से जो आदेश दिए गए थे उसकी पूरी तरह से धज्जियां उड़ गई। इसी का ही ये परिणाम निकला कि दिल्ली की हवा अब और भी ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच गई है।

दिवाली के दिन रात जो भी आतिशबाजी हुई उसकी वजह से दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स इस वक्त गंभीर स्थिति में आ गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 तक जा पहुंचा है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सुबह 7 बजे समग्र एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में 468 पर आया था।

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का इस संदर्भ में ये कहना है कि गुरुवार का एक्यूआई थोड़े से ही सुधार के बाद बेहद ही खराब श्रेणी में जा पहुंचा है। लेकिन दिवाली के बाद रविवार के दिन स्थिति और खराब हो सकती है। पीटीआई की माने तो दिवाली की रात 10 तक ओवरऑल एयर क्वालिटी इंडेक्स 454 रहा है।

आनंद विहार के इन इलाकों में स्थिति हुई खराब

डीपीसीसी के मुताबिक आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 481 है। आईजीआई एयरपोर्ट वाली जगह में 444, आईटीओ में 457और लोधी रोड़ की जगह मे 414 के साथ गंभीर स्थिति की कैटेगिरी में है। इन जगहों पर धुंध के साथ आंखों में जलन और सांस से जुड़ी परेशानी की भी शिकायत दर्ज हुई है। कोरोना वायरस के बीच दिल्ली में ऐसी परिस्थिति पैदा होना काफी मुश्किल है।

सरकार की ओर से क्या किया गया है प्रतिबंध

नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल ने दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक पटाखों के प्रयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगा का रखा है। इसके बावजूद भी दिवाली पर खूब आतिशबाजीहुई है। कई इलाकों में नगर निगम की गाड़ियों पानी का छिड़काव कर रही हैं।

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