DICGC कानून में हुआ संशोधन, बैंक डूबने पर 90 दिनों में मिल जाएंगे 5 लाख रुपये

बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में बहुत से बड़े फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा की “जब आरबीआई द्वारा बैंकों पर ऋण स्थगन लागू करने के बाद लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा

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बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में बहुत से बड़े फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा की “जब आरबीआई द्वारा बैंकों पर ऋण स्थगन लागू करने के बाद लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा तब डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बनाया गया था”. आज हुई कैबिनेट मीटिंग में यह निर्णय लिया गया कि 90 दिनों के  अंदर खाताधारकों को उनके 5 लाख रुपये मिलेंगे. 

जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) अधिनियम, 1961 में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री ने आम बजट में की थी.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि “इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है.विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन पीएमसी बैंक और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था”.


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा की “DICGC बिल 2021 के तहत, सभी डिपॉजिट का 98.3% कवर किया जाएगा और जमा मूल्य के संदर्भ में, 50.9% जमा मूल्य को कवर किया जाएगा. वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का केवल 80% है. इसमें जमा मूल्य का केवल 20-30% शामिल होता है”. हर बैंक में जमा राशि के 100 रुपये के लिए 10 पैसे का प्रीमियम होता था जिसको बढ़ाकर अब 12 पैसे कर दिया है. यह किसी भी समय प्रति 100 रुपये में 15 पैसे से अधिक नहीं होना चाहिए. 

 वित्त मंत्री ने कहा कि “हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि सीमा के मामले में हमारे पास एक सक्षम प्रावधान होगा.लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप बिल (Limited Liability Partnership (LLP) Act) में पहली बार संशोधन का प्रस्ताव किया गया है. हम कंपनी अधिनियम में बहुत सारे बदलाव कर रहे हैं और कॉर्पोरेट निकायों को व्यापार करने में बहुत आसानी हो रही है. LLP स्टार्टअप्स के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं”.

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