'ब्राह्मणों वापस जाओ, हम आ रहे हैं'... JNU में जातिसूचक नारों पर छिड़ा विवाद

जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया के खिलाफ के खिलाफ जाति सूचक नारे लिखे जाने के बाद बवाल बढता जा रहा है. जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेशर शांति श्री डी पंडित ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं.

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जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में हैं. दरअसल जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया के खिलाफ के खिलाफ जाति सूचक नारे लिखे जाने के बाद बवाल बढता जा रहा है. जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेशर शांति श्री डी पंडित ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए हैं.  वहीं जेएनयू प्रशासन ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि कैंपस में इस तरह की अलगाववादी गतिविधियां बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी. JNU सभी का है.’ JNU Teachers Forum ने भी इसके खिलाफ रोष जताया है.

जेएनयू के वीसी ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के (SIS) को और ग्रीवान्सेस कमेटी के डीन को जल्द से जल्द मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. आगे वीसी  ने कहा कि जेएनयू परिसर  में किसी भी तरह की हिंसा के प्रति जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी रखती हैं.’वहीं रजिस्ट्रार ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘जेएनयू समावेशिता और समानता के लिए खड़ा है.

जाने क्या पूरा मामला

बता दें कि गुरुवार को यानी की 01 दिसंबर को अज्ञात लोगों ने विश्वविद्यालय के दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिख दिए. अज्ञात लोगों भड़काऊ नारे लिखते हुए लिखा था कि,‘ब्राह्मण कैंपस छोड़ो’, ‘हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं’, ‘शाखा वापस जाओ’, ‘हम बदला लेंगे’, ‘खून खराबा होगा’.

जेएनयू की दिवारों पर लिखे नारे की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. जेएनयू टीचर्स फोरम ने भी कुछ फोटो ट्विटर पर शेयर किए हैं. पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है- ‘जबकि वामपंथी उदारवादी गैंग हर असहमत आवाज को डराने-धमकाने का काम करते हैं, वे ऐसा EC प्रतिनिधि चुनने की भी अपील करते हैं जो पारस्परिक सम्मान, नागरिक मूल्य स्थापित करे और सबको समान ट्रीटमेंट दे. गुंडागर्दी का बेहद निंदनीय काम.’


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