ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण, लक्ष्‍य को सही तरीके से भेदने में रही कामयाब

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सतह से सतह पर मार करने वाले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सफल परीक्षण किया है. इस मौके पर एयर चीफ मार्शल अधिकारी मौजूद रहे.

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने सतह से सतह पर मार करने वाले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सफल परीक्षण किया है. इस मौके पर एयर चीफ मार्शल  अधिकारी मौजूद रहे.

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रक्षा अधिकारी ने दी कामयाबी पर बधाई

आपको बता दें कि, रक्षा अधिकारी ने कहा की एयर चीफ मार्शल चौधरी ने इस कामयाबी पर बधाई दी है. वे मिसाइल संबंधी तैयारियों की समीक्षा करने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आए हुए थे. वहीं ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज को हाल में बढ़ाकर 500 किमी करने में कामयाबी मिली थी. ऐसा सिर्फ सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने से संभव हो गया है. मिसाइल में कोई तब्दीली नहीं करनी पड़ी है. अब इस मिसाइल की क्षमता को 800 किमी तक करने में कामयाबी मिली है. लड़ाकू विमानों के जरिए बेहद ऊंचाई से भी इसे दूर तक छोड़ा जा सकता है. सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने अपने 40 सुखोई विमानों पर ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइलें तैनात की हैं. ये मिसाइलें ज्यादा घातक और ज्यादा दूर तक दुश्मन को चोट पहुंचा सकती हैं.

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ब्रह्मोस मिसाइल को रूस के सहयोग से विकसित किया गया

ब्रह्मोस मिसाइल को रूस के सहयोग से विकसित किया गया है. ये आवाज की गति से तीन गुना यानी 2.8 मैक की रफ्तार से उड़ती हैं. ये रडार को भी चकमा दे सकती है. पहले इसकी रेंज 290 किमी थी, जिसे बढ़ाकर 350-400 किया गया था. अब इसके 800 किमी वाले वेरिएंट पर काम किया जा रहा है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के एयर वर्जन का पिछले साल 8 दिसंबर को सुखोई 30एमकेआई से सफल टेस्ट किया गया था. अब इन्हें दूसरे लड़ाकू विमानों पर भी तैनात करने की योजना है.

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