2 बच्चो के कानून में विधायक सांसद की नहीं होगी गिनती, जनसँख्या कानून का ड्राफ्ट बनके तैयार

बच्चे दो ही अच्छे ये डाइलोग तो अपने खूब सुना ही होगा, तो बस यूपी में जनसँख्या पर लगाम लगाने के लिए युगी सरकार अब हम दो हमारे दो कानून को लागू करने जा रही है.

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बच्चे दो ही अच्छे ये डाइलोग तो अपने खूब सुना ही होगा, तो बस यूपी में जनसँख्या पर लगाम लगाने के लिए  युगी सरकार अब हम दो हमारे दो कानून को लागू करने जा रही है. आपको बता दें सबसे  पहले इंडिया में यह प्रस्ताव 1976 में इंद्रगढ़ी ने रखा था. उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022  से पहले 2 बच्चों वाले कानून का ड्राफ्ट बनके आ चूका है, पापुलेशन कण्ट्रोल कानून से जुड़े जो भी सवाल आपके मन में उठ रहे  थे, आज उन सभी सवालों का जवाव मै आपको इस वीडियो में दूंगी, दोस्तों यूपी में जब 2 बच्चो वाले कानून का प्रस्ताव रखा गया था तो लोगों के मन में ढेरों सवाल थे कोई सोच रहा था कि एक बच्चे के बाद दुबारा में जुड़वाँ बच्चे पैदा हो गए तो क्या करेंगे, अगर कोई एक से ज्यादा शादिया करले तो बच्चों की गिनती माँ से होगी या बाप से, ये कानून कब से लागू होगा और किसपर लागु होगा, और तो और अगर लिवइन में  रहते हुए बच्चा पैदा हो जाये तो क्या होगा, सरकारी नौकरी मिलेगी  या जाएगी, राशन मिलेगा कि नहीं.



जो लोग ये सोच रहे हैं कि 2 बच्चो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर विधायक और सांसद तो परेशान हो जायेंगे, वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे तो ये गलत है विधाक और सांसद पर कोई रोक नहीं है वो जितने चाहे बच्चे पैदा करें, कोई माई का लाल उन्हें नहीं रोक सकता, ये कानून सिर्फ प्रधान, परसद जैसे छोटे मोटे नेताओं के साथ आम जनता के लिए ही है,  और जिन लोगों को एक बच्चे के बाद दुबारा में जुड़वाँ बच्चे होते है तो सरकार इसको आपका सौभाग्य मनेगी और इनपर कोई कानून लागु नहीं होगा सारी सुविधाएं इन्हे मिलती रहेंगी, इसके अलावा अगर किसी के 2 बच्चे दिव्यांग हैं और फिर वे तीसरा बच्चा करते हैं तो इसे भी कानून तोडना नहीं माना जायेगा. अगर एक से ज्यादा शादी के मामले में बच्चों की संख्या जानने के उद्देश्य से हर एक कपल को एक विवाहित जोड़े के रूप में ही काउंट किया जायेगा.  तीसरा बच्चा अगर गोद लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं इसपर कोई रोक टोक नहीं है 



मौजूदा ड्राफ्ट के मुताबिक ये विधेयक राजपत्र में प्रकाशन की तारिख से एक साल बाद लागु होगा. मतलव जब ये कानून बन जायेगा और छप जायेगा उसके एक साल बाद से लागू होगा, इसलिए जो लोग लॉक डाउन में 2 बच्चो से ज्यादा का रिकॉर्ड बना चूके  हैं, उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है, क्युकी कोई भी उनका बाल बांका नहीं कर सकता.  ये कानून उत्तर प्रदेश जन्शंख्या नियंत्रण स्थिरीकरण एवं कल्याण एक्ट 2021 के नाम से जाना जायेगा , यह कानून 21 से ज्यादा उम्र के लड़कों और 18 से ज्यादा उम्र की लड़कियों पर लागु होगा , क्युकी एक पढ़ने के बाद एक सवाल मेरे मन में जरूर आया कि अगर 18 साल कि लड़की और 18 का ही लड़का है और उनका बच्चा दुनिया में आता है तो ऐसे में सरकार क्या करेगी, कोनसी केटेगरी में इनको डालेगी. दोस्तों लड़का और लड़की की इस उम्र को लेकर जो भेदभाव है उसपर आप क्या सोचते हैं, कमेंट करके हमे जरूर बताइये. या और कोई कोई सवाल है तो कमेंट में बताइये


आयोग ने सीएम योगी को जनसँख्या नियंत्रण कानून का मसौदा सौपा है,260 पन्नों का ये ड्राफ्ट है,  2 से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी और 77 सरकारी योजनाओं से भी वंचित रहना पड़ेगा.


जनसँख्या कानून के ड्राफ्ट की 4 बड़ी बातें 

1. 2 से अधिक बच्चों के अभिवावकों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी 

2. निकाय और पंचयत चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे  

3. राशन कार्ड में भी चार से अधिक सदस्यों के नाम नहीं लिखे जायेंगे 

4. सरकारी कर्मचारियों को सपथ पत्र देना होगा कि वे इस कानून का उलंघन नहीं करेंगे 

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