ब्रिक वर्चुअल वार्तालाप में चीन ने की भारत की तारीफ

वर्चुअल मुलाकात में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) की अध्यक्षता को कर रहा भारत की चाइना ने तारीफ की और कहा कि वह ब्रिक्स समूह की एक साल के दौरान भारत के योगदान को मानता है उसकी सराहना भी करता है

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वर्चुअल मुलाकात में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) की अध्यक्षता को कर रहा भारत की चाइना ने तारीफ की और कहा कि वह ब्रिक्स समूह की एक साल  के दौरान भारत के योगदान को मानता है उसकी सराहना भी करता है.  बीते दिन हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. यह दूसरी बार था जब पीएम मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की. इससे पहले उन्होंने 2016 में गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी. अगले साल चीन 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को सम्मेलन के दौरान कहा था कि अगले साल अपनी अध्यक्षता के दौरान चीन सभी क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए काम करेगा. इसके अलावा चीन ब्रिक्स भागीदारों के साथ और अधिकपरिणाम-उन्मुख साझेदारी बनाने के लिए भी प्रयास करेगा, जिससे आम चुनौतियों का सामना किया जा सके और बेहतर भविष्य बना सके.

गुरुवार को हुए ब्रिक्स के वर्चुअल सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल थे। इस दौरान पुतिन ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया और इसपर विचार शुरू की। पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना और उसके सहयोगियों के वापस आने से नई चुनौतियां खड़ी हो गई है। इसका अनुमान अभी नहीं हो पाया है कि इससे वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा पर क्या असर पड़ेगा. यह बड़ी बात है कि हमारे देशों ने इस मुद्दे पर खास नजर डाली हुई है।

जिनपिंग ने कहा था कि यह ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ है। पिछले 15 साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को आगे ले गए हैं. हमने एक-दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला। हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की। हम अपने साझा विकास की यात्रा साथ-साथ कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि इस साल की शुरुआत से ही हमारे सहयोगी देश महामारी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं. ब्रिक्स के भविष्य के लिए हम मिलकर काम करेंगे. हम अपनी चुनौतियों से निपटने के लिए साझा संसाधनों के आधार पर रणनीति बनाएंगे और ब्रिक्स के भविष्य को मजबूत करेंगे.

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