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कुत्तों से फैल रहा है कोरोनावायरस ? यहां जानें पूरी जानकारी

कुत्तों के साथ रहना अब थोड़ा ज्यादा घातक हो सकता है क्योंकि एक रिपोर्ट के आधार पर बताया जा रहा है कुत्तों में पाए जाने वाले एक नए तरह के कोरोनावायरस का पता लगाया गया है.

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By Asna | खबरें - 29 May 2021

यह तो आपने सुना ही होगा कि जानवरों में वफादारी के मामले में सबसे पहले कुत्ते का ध्यान आता है, लोगों को कुत्ते इतने पसंद हैं कि वह अपना कीमती समय भी कुत्तों के साथ रहकर ही व्यतीत करना पसंद करते हैं लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो कुत्तों के साथ रहना अब थोड़ा ज्यादा घातक हो सकता है क्योंकि एक रिपोर्ट के आधार पर बताया जा रहा है कि कुछ निमोनिया से पीड़ित लोगों में कुत्तों में पाए जाने वाले एक नए तरह के कोरोनावायरस का पता लगाया गया है.

वैसे तो कोरोनावायरस का नाम सुनते ही लोगों में दहशत दिखाई दे जाती है लेकिन विश्लेषण के आधार पर बताया जा रहा है कि इस को लेकर ज्यादा डरने की कोई बात नहीं है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मलेशिया के एक अस्पताल में 8 लोगों में कुत्तों का कोरोनावायरस मिलने की सूचना मिली है, जिसके बाद नैदानिक संक्रमण रोग से संबंधित विभाग को सूचित किया है.

सबसे पहले आपको बताते हैं कि कुत्तों का कोरोनावायरस आखिर है क्या? 

आपको सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि यह कोरोनावायरस को चार वर्ग में बांटा जाता है पहला अल्फा, दूसरा बीटा, तीसरा गामा, चौथा डेल्टा कोरोनावायरस और सार्स-कोवी-2 (जिससे कोरोनावायरस बनता है) बीटा समूह में आता है जबकि कुत्तों मे पाए जाने वाला कोरोनावायरस पूरी तरह से अलग है क्योंकि कुत्तों का वायरस अल्फ़ा  कोरोनावायरस के समूह में आता है.

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वहीं 117 बच्चों में बीमारी की हुई पुष्टि, इसी के साथ बता दे कि की मलेश्वर के एक अस्पताल में भर्ती निमोनिया के 192 मरीजों के नमूनों में कुत्तों वाला कोरोनावायरस का परीक्षण किया गया जिनमें 9 नमूनों में से 5 सामान्य मानव कोरोनावायरस थे और उनमें मामूली लक्षण दिखाई दिए लेकिन चार नमूने ऐसे भी पाए गए जो कि कुत्तों वाले कोरोनावायरस के थे.

बता दें कि इन रोगियों के नाक और गले के नमूने से जांच की और फिर उसके बाद इन नमूनों को कुत्ते की कोशिकाओं में डाला गया और एक ही नमूने से वायरस को अच्छी तरह से दोहराया गया. जिससे वायरस के कणों को इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोसॉफ्ट की मदद से देखा, फिर पता चला कि जो वायरस कुत्तों में पाया जाता है. वह अल्फा कोरोनावायरस है जिस श्रेणी में सूअर और बिल्लियां भी मौजूद है और एक बात और जानने योग्य है कि इस वायरस के आगे फैलने का कोई सबूत अभी नहीं मिला है.

इस वायरस से मलेशिया के जो रोगी पाए गए है उन्हें देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि कुत्तों का कोरोनावायरस लोगों में फैल सकता है. अगर ऐसा हुआ तो इसका नतीजा बड़े पैमाने पर बीमारी के प्रकोप के तौर पर देखने को मिलेगा.

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