दिल्ली-NCR, यूपी और उत्तराखंड में भूकंप के झटके, 30 सेकेंड से ज्यादा देर तक किए गए महसूस

इससे पहले 5 जनवरी को भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. जम्मू-कश्मीर में भी धरती हिली थी. वहां भी लोगों को भूकंप के तेज झटके महसूस किए थे. इस भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई थी.

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दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार दोपहर को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड में भी कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के तेज झटके के कारण कुछ सेकेंड तक धरती हिलती रही. भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 5.8 मापी गई. झटके इतने तेज थे कि दफ्तर में काम कर रहे लोग सहम गए और ऑफिस से निकल कर सुरक्षित स्थानों पर भागने लगे. 

कोई जान माल का नुकसान नहीं 

हालांकि अभी तक जान माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर आए. भूकंप का केंद्र नेपाल में जमीन के 10 किमी अंदर बताया जा रहा है. बता दें कि दिल्ली में भूकंप के झटकों के साथ यूपी के संभल, मुरादाबाद, अमरोहा, शाहजहांपुर और रामपुर में दोपहर करीब 2:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए.

उत्तराखंड में भी डोली धरती 

वहीं उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली और हल्‍द्वानी सहित कई इलाकों में हल्‍के झटके महसूस किए गए हैं. उत्तरकाशी जनपद के भटवाड़ी, मनेरी और चिन्यालीसौड़ क्षेत्रों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. कहीं से किसी नुकसान की सूचना नहीं है. मंगलवार को दोपहर 2.28 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए.

नए साल के शुरुआत में ही लगे थे झटके 

इससे पहले 5 जनवरी को भी दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. जम्मू-कश्मीर में भी धरती हिली थी. वहां भी लोगों को भूकंप के तेज झटके महसूस  किए थे. इस भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई थी. इसका केंद्र अफगानिस्तान का हिंदू कुश इलाका रहा था.

भूकंप क्यों आता है?

बता दें कि धरती के अंदर 7 प्लेट्स हैं, ये लगातार घूमती रहती हैं. ये प्लेट्स जहां ज्यादा टकराती हैं, उस जोन को फॉल्ट लाइन कहा जाता है. बार-बार टकराने के कारण प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं. अगर ज्यादा दबाव होता है तो प्लेट्स टूटना शुरू हो जाती हैं और नीचे की ऊर्जा बाहर की ओर आने का रास्ता खोजने लगती है. इसी डिस्टर्बेंस की वजह से भूकंप आता है.

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