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देश भर में मनाई जा रही है गुरु गोबिंद सिंह की 354 वीं जयंती, पीएम मोदी ने ऐसे दी बधाई

आज सिखों के 10 वें धर्म गुरु गोबिंद सिंह जी की 354 वीं जयंती मनाई जा रही है। ऐसे में इस खास मौके पर उनके प्रेरणादायक विचारों को अपनी जिंदगी में अपनाने के साथ अपने सभी रिश्तेदारों व दोस्तों को भेजें गुरु गोविंद सिंह जयंती की ढेर सारी शुभकामनाएं।

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By Asna | खबरें - 20 January 2021

आज सिखों के 10 वें और अंतिम धर्म गुरु गोबिंद सिंह जी की 354 वीं जयंती मनाई जा रही है। जिनका जन्म पटना में हुआ था और उन्होंने अपनी जिंदगी के माध्यम से दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की जो हमेशा ही सच्चाई और समानता के लिए खड़े रहे। वही ग्रेगोरियन कैलेंडर केअनुसार गुरु गोबिंद सिंह की जयंती हर साल दिसंबर या जनवरी में पड़ती है लेकिन गुरु  गोबिंद सिंह की जयंती का वार्षिक उत्सव नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होता है। वही इस दिन सभी  भक्त एकजुट होकर प्रार्थना करने के साथ भक्ति गीत गाते हैं। यहीं नहीं इस मौके पर बड़ों और बच्चों को भोजन कराया जाता है। ऐसे में इस खास मौके पर आप उनके प्रेरणादायक विचारों को अपनी जिंदगी में अपनाने के साथ अपने सभी रिश्तेदारों, प्रियजनों व दोस्तों  को भेजें  गुरु गोविंद सिंह जयंती की ढेर सारी शुभकामनाएं।   

1.आशीर्वाद मिले सबको गुरु साहब का

गुरु गोबिंद सिंह की कृपा सदा रहे 

घर-घर छाए खुशहाली

हो जाये सबकी जिंदगी निराली

2. मैं उन्ही लोगों के पैरों में गिरता हूं

जो लोग सच्चाई पर विश्वास रखते हैं

उन सभी को हैप्पी गुरु गोविंद सिंह जयंती

3. राज करेगा खालसा,

बाकि रहे ना कोए,

वाहे गुरु जी का खालसा,

वाहे गुरु जी की फतेह!!


4. जब कोई व्यक्ति अपने भीतर से स्वार्थ को पूरा करता है

तो वह अपने अंदर सबसे बड़ा आराम और

स्थायी शांति कि अनुभव करता है.

5. गुरु गोविन्द सिंह जी के सद्कर्म हमे सदा दिखाएँगे राह,

वाहे गुरु के ज्ञान से सबके बिगड़े हुए काम बन जाएंगे…

गुरु गोविन्द सिंह जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं


इतिहास 

ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर, 1666 को हुआ था लेकिन गुरु गोबिंद सिंह जयंती की गणना चंद्र कैलेंडर के अनुसार की जाती है। इसलिए यह 20 जनवरी को मनाया जाएगा। वह सिर्फ नौ साल का था जब उसके पिता, सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर को औरंगज़ेब ने इस्लाम में बदलने से मना कर दिया था। अपने पिता की मृत्यु के बाद गुरु गोबिंद सिंह ने बागडोर संभाली और सिखों के दसवें धर्म गुरु बने। जीवन भर वह अन्याय के खिलाफ खड़े रहे और मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने खालसा नाम के योद्धा समुदाय का गठन किया और दूसरों को मुगलों के साथ अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित किया

गुरु गोविंद सिंह जयंती महत्व

 ऐसा माना जाता है कि गुरु गोविंद सिंह की शिक्षाओं का सिख समुदाय पर एक बड़ा प्रभाव है। वही खालसा समुदाय ने  सख्त नैतिक और आध्यात्मिक संहिता का पालन किया और उनके नेतृत्व और शिक्षाओं ने लोगों को राजाओं द्वारा दमनकारी शासन के खिलाफ एक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। आज भी उनकी शिक्षाओं को आज भी सिख लोगों के बीच याद किया जाता है जो लोगों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। गुरु गोबिंद सिंह एक कवि और दार्शनिक भी थे। उनके कार्यों को अभी भी पढ़ा जाता है और दुनिया भर के लाखों लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है।

पीएम मोदी ने उनके बलिदान को किया याद

पीएम मोदी ने आज प्रकाश पर्व के मौके पर गुरु गोविंद को याद करते हुए उनके साहस और बलिदान को हाथ जोड़कर नमन किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा 'मैं श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को उनके प्रकाश पर्व के शुभ अवसर पर नमन करता हूं। उनका जीवन न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए समर्पित था'। इसके साथ ही पीएम मोदी ने पटना की यादों को साझा करते हुए कहा- 'गुरु साहिब मुझ पर बहुत मेहरबान हैं। जब हमारी सरकार के कार्यकाल में श्री गुरु गोविंद सिंह का 350 वां प्रकाश पर्व आयोजित हुआ था। मुझे आज भी पटना में आयोजित भव्य समारोह याद है जहां मुझे जाने का सौभाग्य मिला था।


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