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हरियाणा के हिसार जिले की एक आम-सी दिखने वाली लड़की ज्योति मल्होत्रा की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं लगती, लेकिन अफसोस कि इसकी पटकथा में नायक नहीं, एक जासूस बनी जिसने पैसे और लग्जरी के लिए अपने देश से गद्दारी कर डाली।
शुरुआत एक आम ज़िंदगी से
न्यू अग्रसेन कॉलोनी में पिता के साथ रहने वाली ज्योति का जीवन बिल्कुल सामान्य था। परिवार आर्थिक रूप से साधारण था, इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ ज्योति ने इंटर पास करते ही नौकरी की तलाश शुरू कर दी। उसकी पहली नौकरी एक कोचिंग सेंटर में रिसेप्शनिस्ट की थी। इसके बाद वह स्कूल टीचर बनी, फिर एक निजी ऑफिस में काम करने लगी। लेकिन उसकी ज़िंदगी में अधूरी ख्वाहिशों का साया हमेशा बना रहा — वो कुछ बड़ा करना चाहती थी, बहुत पैसा और पहचान पाना चाहती थी।
गुरुग्राम से हिसार वापसी और यूट्यूब की शुरुआत
कोरोना काल में जब नौकरी छूटी तो ज्योति ने गुरुग्राम छोड़ हिसार लौटते ही सोशल मीडिया का रुख किया। 'Travel With Jo' नाम से यूट्यूब चैनल बनाया और देश-विदेश की ट्रैवल वीडियो अपलोड करने लगी। कुछ समय बाद व्यूज और फॉलोअर्स भी बढ़ने लगे — यूट्यूब पर 3.77 लाख सब्सक्राइबर्स और इंस्टाग्राम पर 1.31 लाख फॉलोअर्स हो गए। सोशल मीडिया से पैसा आने लगा, तो ज्योति ने यह रास्ता पूरी तरह अपना लिया।
लेकिन यही सपना बना उसके पतन का रास्ता।
पाकिस्तानी उच्चायोग के संपर्क में कैसे आई?
सोशल मीडिया के जरिए ही वह पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में आई। शुरुआत में सामान्य बातचीत होती रही, लेकिन बाद में यह सिलसिला खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया। बताया जा रहा है कि दानिश ने उसे डिनर पर बुलाया और यहीं से उसके आईएसआई कनेक्शन की शुरुआत हुई।
पाकिस्तान की यात्राएं और संदिग्ध गतिविधियां
ज्योति ने दो बार सिख जत्थे के साथ और एक बार अकेले पाकिस्तान यात्रा की। वह सिर्फ करतारपुर साहिब नहीं गई, बल्कि वहां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट्स अली अहसान और राणा शहबाज से मिली। ये मुलाकातें दानिश ने ही तय करवाई थीं। इस दौरान उसने भारतीय रक्षा से जुड़ी सूचनाएं व्हाट्सएप और टेलीग्राम के ज़रिए भेजीं, नंबरों को जट्ट रंधावा जैसे नकली नामों से सेव किया।
खर्चों की फंडिंग और सोशल मीडिया पर नकाब
पुलिस जांच में सामने आया है कि पाकिस्तान में ठहरने और घूमने के खर्च सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के नाम पर पाक उच्चायोग से स्पॉन्सर किए गए थे। इसके बदले उसे खुफिया सूचनाएं जुटाकर भेजनी थी। यही वजह है कि उसके वीडियो में कुछ जगहें, लोगों और स्थानों पर ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान दिया गया था।
पुलिस रिमांड और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की जांच
फिलहाल ज्योति 5 दिन की पुलिस रिमांड पर है। उसके मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल डिवाइसेस की जांच की जा रही है। पुलिस उसकी बैंक स्टेटमेंट, विदेश यात्राओं और अन्य संपर्कों की गहराई से पड़ताल कर रही है। कई सवालों पर वह चुप है या गोलमोल जवाब दे रही है। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि उसके मोबाइल फोन और डिजिटल फाइल्स से बड़े खुलासे होंगे।
अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स भी रडार पर
सूत्रों की मानें तो ज्योति के साथ संपर्क में रहे कुछ अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। उनसे भी जल्द पूछताछ की जा सकती है। यह भी आशंका है कि यह जासूसी नेटवर्क और बड़ा और संगठित हो सकता है।
देश ने बेटी समझा, उसने मां को ही बेच दिया
ज्योति मल्होत्रा की ये कहानी इस सच्चाई को उजागर करती है कि केवल दिखावे की जिंदगी और सोशल मीडिया पर स्टार बनने की भूख, किसी को कितना अंधा कर सकती है। जिस देश ने उसे शिक्षा दी, पहचान दी, उसने उसी देश की जानकारी दुश्मन के हाथों बेच दी।
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