देश में हर साल 100 से ज्यादा एसिड अटैक के मामले आते हैं सामने

महिलाओं पर हो रहे एसिड अटैक के मामलों पर सालाना नजर डालें तो 2018 में 131मामले , 2019 में 150 और 2020 में 105 मामले दर्ज किए गए थे.

  • 477
  • 0

एनसीआरवी (NCRB) की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 से 2020 तक बभारत में महिलाओं पर एसिड अटैक के 386 केस रेजिस्टर्ड हुए थे. जिनमें कुल 62 आरोपियों को दोषी पाया गया था. यह जानकारी खुद देश के गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने संसद भवन में दी है. इन आंकड़ों को देखकर साफ पता चलता है कि लाख कोशिशों के बावजूद हर साल एसिड अटैक के करीब 100 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. 

3 साल में इतने मामले सामने आये  

महिलाओं पर हो रहे एसिड अटैक के मामलों पर सालाना नजर डालें तो 2018 में 131मामले , 2019 में 150 और 2020 में 105 मामले दर्ज किए गए थे. वहीँ दूसरी ओर साल 2018 में 28 आरोपी, 2019 में 16 और 2020 में कुल 18 आरोपियों को ऐसे मामलों में दोषी पाया गया था. इसका मतलव साल 2018 से 2020 तक सामने आए 386 मामलों में केवल 62 व्यक्तियों को ही आरोपी करार दिया गया.

यह भी पढ़ें :  जोमैटो के शेयर बेचेंगे शेयरधारक, जानें क्या पड़ेगा इसका असर

गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने खुद संसद भवन में जानकारी दी कि गृह मंत्रालय (MHA) ने संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसिड की बिक्री को विनियमित और अधिसूचित करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मॉडल ज़हर नियम (Model Poisons Rules) जारी किया है. 

ज़हर अधिनियम 1919 के अनुसार, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने ज़हर संबंधी नियमों के माध्यम से थोक और खुदरा बिक्री सहित एसिड और संक्षारक रसायनों के कब्जे और बिक्री को विनियमित करते हैं. गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि एसिड और संक्षारक रसायनों की बिक्री का डेटा केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है.

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT