नेशनल साइंस डे के मौके पर इसरो को मिली बड़ी सफलता, जानिए ब्राजील संग किया कौन-सा काम

नए साल में इसरो ने अपने पहले ही मिशन में कामयाबी हासिल की है। भारत और ब्राजील के लिए वो गर्व का एहसास है।

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साल 2021 में इसरो ने अपने पहले ही मिशन में कामयाबी हासिल की है। इस बात का सबूत आज देखने को मिला है। आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी- सी 51 को लॉन्च किया गया है। PSLV-C51 अमेजोनिया-1 और दूसरे 18 सैटेलाइट को लेकर अंतरिक्ष में गया है। इसरो ने इस मामले में बताया कि  PSLV-C51, PSLV का  53वां मिशन है। इस रॉकेट के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 उपग्रह के साथ 18 बाकी उपग्रह को भी अंतरिक्ष में भेजा गया है।

इसरो की माने तो इस रॉकेट को चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया है। इस रॉकेट को 28 फरवरी के दिन सुबह 10: 24 मिनट पर लॉन्च किया गया था। इसकी उल्टी गिनती शनिवार के दिन सुबह 8: 54 मिनट पर शुरु हो गई थी। अमेजोनिया-1 को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में प्रक्षेपित कर दिया गया है।

पीएसएलवी सी 51/अमेजोनिया-1 इसरो की वाणिज्य इकाई न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड का पहला समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। अब अमेजोनिया-1 चार साल तक डाटा भेजने का काम करता रहेगा। इस उपग्रह के लॉन्च के लिए ब्राजील से वैज्ञानिकों का एक दल भारत आया था। इस मामले को लेकर इसरो के अध्यक्ष के सिवन की ओर से कहा गया कि भारत और ब्राजील के लिए ये दोनों गर्व का विषय है। उन्होंने ये तक कहा कि अमेजोनिया-1 को पूरी तरह से ब्राजील के वैज्ञानिकों ने बनाया और विकसित किया था।

इसरो के विज्ञान मंत्री इस शानदार पल को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में मौजूद थे। उन्होंने अपनी बात में कहा कि ये बेहद गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि इस लॉन्च को भारत से और कोई अच्छी जगह नहीं हो सकती थी।अमेजोनिया-1 के बारे में बयान में बताया गया है कि यह उपग्रह अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के लिए विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आकंड़े मुहैया कराएगा और मौजूद ढांचे को अधिक मजबूत बनाएगा।

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