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ज्योति मल्होत्रा जासूसी केस: 1 साल पहले मिली थी चेतावनी

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की जासूसी में गिरफ्तारी से पहले ही सोशल मीडिया यूजर ने दी थी NIA को चेतावनी, फिर भी क्यों हुई चूक? जानिए पूरा सच।

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Image Credit: google
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By Shraddha Singh | Delhi, Delhi | खबरें - 20 May 2025

ज्योति मल्होत्रा केस में बड़ा खुलासा: एक साल पहले ही NIA को मिली थी चेतावनी, फिर भी जासूसी कैसे हुई?

पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार की गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। यह खुलासा न केवल सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक सामान्य नागरिक ने एक साल पहले ही इस साजिश को पहचान लिया था।

एक साल पहले मिली थी चेतावनी

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ज्योति की गिरफ्तारी मई 2025 में हुई, लेकिन उससे लगभग एक साल पहले मई 2024 में ही एक भारतीय नागरिक ने सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सतर्क कर दिया था। इस नागरिक का नाम कपिल जैन है, जिन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा था:

"NIA कृपया इस महिला पर नजर रखें, यह पहले पाकिस्तानी दूतावास के कार्यक्रम में गई, फिर 10 दिन पाकिस्तान में रही, और अब कश्मीर जा रही है। कहीं यह एक बड़ा लिंक न हो।"

उस समय कपिल जैन की यह चेतावनी नजरअंदाज कर दी गई थी, लेकिन अब जब ज्योति मल्होत्रा गिरफ्तार हो चुकी हैं, तो सोशल मीडिया पर उनके इस पोस्ट को लाखों लोग देख चुके हैं और यह सवाल उठा रहे हैं कि सुरक्षा एजेंसियों ने समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की?

यूट्यूब चैनल ‘Travel with Jo’ और संदिग्ध यात्राएं

ज्योति मल्होत्रा हरियाणा के हिसार की रहने वाली हैं और ‘Travel with Jo’ नामक यूट्यूब चैनल चलाती हैं, जिसके करीब 4 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। वह अक्सर विदेश यात्राएं करती थीं और खास तौर पर उनकी पाकिस्तान और कश्मीर यात्राओं का पैटर्न संदेहास्पद रहा।

रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने 2023 में दो बार पाकिस्तान यात्रा की और हर बार यात्रा के कुछ समय बाद ही वह कश्मीर भी गईं, जिससे जांच एजेंसियों को शक हुआ कि यह सिर्फ ट्रैवल ब्लॉगिंग नहीं, बल्कि कुछ और ही चल रहा है।

पाकिस्तान हाई कमिशन से जुड़े संदिग्ध

जांच में सामने आया है कि ज्योति की मुलाकात दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी दानिश से हुई थी, जिसने उन्हें अपने संपर्कों के जरिए अली अहवान से मिलवाया। अली ने पाकिस्तान में उनके ठहरने की व्यवस्था की और उन्हें ISI एजेंट्स से मिलवाया जिनके नाम राणा शहबाज और शाकिर बताए गए हैं।

ज्योति ने इन लोगों के नंबर ‘जट्ट रंधावा’ जैसे फर्जी नामों से सेव किए थे और व्हाट्सएप तथा टेलीग्राम जैसे ऐप्स के जरिए संवाद करती थीं। इन ऐप्स के जरिए ही भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेजी जाती थी, ऐसा शक है।

गिरफ्तारी के बाद जांच की नई दिशा

ज्योति फिलहाल पांच दिन की पुलिस रिमांड पर हैं और NIA तथा साइबर ब्रांच उनकी डिजिटल गतिविधियों, बैंक ट्रांजैक्शन और इंटरनेशनल यात्राओं की गहराई से जांच कर रही हैं।

जांच एजेंसियों को शक है कि वह पाकिस्तानी खुफिया तंत्र की लंबे समय से मदद कर रही थीं, और यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या वह किसी नेटवर्क का हिस्सा थीं या अकेली काम कर रही थीं।

आम लोगों की सतर्कता और एजेंसियों की चूक?

इस मामले में सबसे अहम पहलू यह है कि एक आम सोशल मीडिया यूजर कपिल जैन ने इतनी बड़ी साजिश को समय रहते पहचान लिया, जबकि जिम्मेदार सुरक्षा एजेंसियां इसे नजरअंदाज कर गईं। सोशल मीडिया पर अब यह बहस छिड़ चुकी है कि क्या एजेंसियों की सतर्कता में चूक हुई या जानबूझकर कोई देरी की गई?

क्या आने वाले समय में और गिरफ्तारियां होंगी?

सूत्रों की मानें तो ज्योति मल्होत्रा के संपर्क में रहे कुछ और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और विदेशी एजेंट्स भी जांच के दायरे में हैं। पुलिस और NIA अब यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि ज्योति को कौन फंड करता था, और क्या वह किसी बड़े नेटवर्क का सिरा मात्र हैं?


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