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मायावती ने चला बड़ा दांव, विश्वनाथ पाल को बनाया यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष

यूपी में नगर निकाय चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने बड़ा दांव चला है और पार्टी के प्रमुख मायावती ने विश्वनाथ पाल को यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है.

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By विपिन यादव | खबरें - 21 December 2022

यूपी में नगर निकाय चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP)  ने बड़ा दांव चला है और पार्टी की प्रमुख मायावती ने विश्वनाथ पाल को यूपी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसकी जानकारी मायावती ने स्वयं दी है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विश्वनाथ पाल को बसपा का यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. मायावती के बड़े दांव से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से सियासी सुगबुगाहट तेज हो गई है.   

मायावती ने ट्वीट कर दी बधाई

मायावती ने सिलसिलेवार तरीके से तीन ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि 'वर्तमान राजनीतिक हालात को मद्देनजर रखते हुए बीएसपी यूपी स्टेट संगठन में किए गए परिवर्तन के तहत विश्वनाथ पाल, मूल निवासी जिला अयोध्या को बीएसपी यूपी स्टेट का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं.'

मायावती का दूसरा ट्वीट

मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा है कि 'विश्वनाथ पाल, बीएसपी के पुराने, मिशनरी  कर्मठ और वफादार कार्यकर्ता हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि वे विशेषकर अति-पिछड़ी जातियों को बीएसपी से जोड़कर, पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में पूरे जी-जान से काम करके सफलता जरूर अर्जित करेंगे.

भीम राजभर बने बिहार प्रदेश का कोआर्डिनेटर 

वहीं तीसरे ट्वीट में मायावती ने लिखा है, " हालाँकि इनसे पहले श्री भीम राजभर ने भी बी.एस.पी.यू.पी. स्टेट अध्यक्ष के पद पर रहकर, पार्टी के लिए पूरी ईमानदारी व वफादारी से कार्य किया है, जिनकी पार्टी आभारी है तथा इनको अब पार्टी ने बिहार प्रदेश का कोआर्डिनेटर बना दिया है.

कौन हैं विश्वनाथ पाल ? 

विश्वनाथ पाल का जन्म 20 दिसंबर 1973 को अयोध्या जिले के थाना पुरा कलंदर के ग्राम अनंतपुर के एक किसान परिवार में हुआ. उनके पिता का नाम परमेश्वर दीन पाल और माता का नाम कलपा देवी पाल है. विश्वनाथ पाल पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं और वकालत की पढ़ाई कर रखी है. उनकी शुरुआती शिक्षा गांव में हुई और फिर फैजाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी किया.

विश्वनाथ पाल का राजनीतिक करियर

विश्वनाथ पाल ने बसपा संस्थापक कांशीराम की विचारधारा और मायावती की राजनीति से प्रभावित होकर 90 के दशक में सियासत में कदम रखा. 1996 में पार्टी सेक्टर अध्यक्ष, विकास नगर के अध्यक्ष, अयोध्या के जिला उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, अयोध्या मंडल के सचिव पद रहने के बाद उन्हें मायावती ने बसपा के भाईचारा कमेटी की जिम्मेदारी सौंपी. फैजाबाद और देवीपाटन मंडल में बसपा भाईचारा के कोर्डिनेटर रहे.

विश्‍वनाथ पाल नहीं जीते कोई चुनाव 

बसपा के कार्यकर्ता के रुप में राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले विश्वनाथ जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी लड़ चुके हैं. अयोध्या जिले के मसौधा ब्लाक से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत नहीं सके. इसके बाद उन्होंने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा और सिर्फ संगठन के काम में लगे रहे.

पाल समाज को पाले में करने की कोशिश

ओबीसी चेहरा माने जाने वाले विश्‍वनाथ पाल को यूपी का बीएसपी अध्‍यक्ष नियुक्त करना एक बडे़ फैसले को सियासी रूप में देखा जा रहा है. कयास लगाए जा रहे है कि मायावती इस बडे़ दांव से यूपी की राजनीति में ओबीसी को अपने पाले में लाने कि कोशिश करेंगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश की ओबीसी समुदाय में पाल समाज अतिपिछड़ी जातियों में आता है, जिसे गड़रिया और बघेल जातियों के नाम से जाना जाता है. बृज और रुहेलखंड के जिलों में पाल समुदाय काफी अहम माने जाते हैं.


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