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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा की. इसने कोरोनोवायरस महामारी के कारण आर्थिक विकास को हुए नुकसान से उबरने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा उठाए गए कदमों की प्रगति की भी समीक्षा की. बता दें कि साल 2020 में कोरोना संकट शुरू होने के बाद वित्त मंत्री सीतामरण का यह पहला मुंबई दौरा है, जिसमें उन्होंने बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात की है.
'नीतियों में स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा केंद्र'
वित्त मंत्री सीतारमण ने मंगलवार को भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रमुखों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार नीतियों में स्पष्टता सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सभी सरकारी बैंक मिलकर बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने देश के पूर्वी क्षेत्र में चालू और बचत खातों में बढ़ती जमा पर चिंता व्यक्त की है. इस पर बैंकों को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के लिए विशेष योजना तैयार करने को कहा गया है.
बैंक कर्मचारियों का पेंशन पे-आउट बढ़ाया जा सकता है
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार सीधे स्वामित्व वाली कंपनियों को सूचीबद्ध करने की इच्छुक कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है. वहीं, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने कहा कि बैंक कर्मचारियों के पेंशन भुगतान की सीमा 9284 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये से 35,000 रुपये की जा सकती है. उन्होंने कहा कि एनपीएस के तहत कर्मचारियों की पेंशन में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का योगदान 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया गया है.




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