कांग्रेस की सरकार गिरते ही पुडुचेरी में हटा राजनीति संकट, बहुमत साबित नहीं कर पाए वी नारायणसामी

पुडुचेरी की राजनीति में एक बहुत बड़ा ट्विस्ट देखने को मिला है। कांग्रेस की सरकार वहां गिर चुकी है और वी नारायणसामी बहुमत साबित नहीं कर पाए हैं।

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पुडुचेरी की उपराज्यपाल के आदेश पर ही सोमवार के दिन वी नारायणसामी को सदन में अपनी बहुमत साबित करनी थी। इस दौरान सीएम ने अपने भाषण के अंदर केंद्र सरकार के अलावा पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। इसके अलावा वोटिंग से पहले ही कांग्रेस और डीएमके के विधायकों को सदन से वॉकआउट करते हुए देखा गया, जिसके बाद ही स्पीकर ने इस बात का ऐलान किया कि सरकार अपनी बहुमत साबित करने में असफल रही है।

इसके बाद सीएम ने उपराज्यपाल को अपना इस्तीफा तक सौंप दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि विधानसभा में कांग्रेस के पास 9 विधायकों के साथ-साथ 2 डीएमके और एक निर्दलीय विधायका समर्थन हासिल है। इसका मतलब ये कि कांग्रेस के पास 11 विधायकों का समर्थन हासिल है। जबकि उसे 14 विधायकों के समर्थन की जरूरत थी। 

इस बारे में मीडिया से बात करते हुए वी नारायणसामी ने कहा- '3 नामित सदस्यों को विश्वास प्रस्ताव में कहीं भी मतदान का अधिकार नहीं है, मेरी स्पीच खत्म होने के बाद सरकार के विप ने इस मुद्दे को उठाया, लेकिन अध्यक्ष इससे सहमत नहीं हुए। ये लोकतंत्र की हत्या है, ऐसा देश में कहीं नहीं होता। पुडुचेरी के लोग इन्हें सबक सिखाएंगे।'

आपको हम जानकारी दे दें कि कांग्रेस के कई विधायक जिस तरह से लगातार इस्तीफा दे रहे थे उसके बाद से नारायणसामी की सरकार पर संकट मंडराना शुरु हो गया था। रविवार के दिन भी एक डीएमके विधायक के इस्तीफे के बाद इस संकट को और गहरा करने का काम कर दिया गया था। ऐसा पहले भी अनुमान लगाया जा रहा था कि 33 सदस्यीय विधानसभा में नारायणसामी सरकार के लिए बहुमत साबित कर पाना काफी ज्यादा मुश्किल भरा काम है। 

विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले सीएम वी नारायणसामी के भाषण के अंदर विधायकों के बागी होने का दुख साफ देखने को मिला था। उन्होंने कहा था कि विधायकों को अपनी पार्टी की तरफ वफादार रहना चाहिए। उन्होंने ये तक कहा कि इस्तीफा देने वाले विधायक जनता का सामना नहीं कर पाएंगे।

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