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प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में मेला लगा हुआ है. यहां देव शिलाओं का सत्कार और समर्पण कार्यक्रम होगा. ये देव शिलाएं बीती रात नेपाल के जनकपुर से अयोध्या के कारसेवकपुरम पहुंची थी. इन शालिग्राम शिलाओं नेपाल की गंडकी नदी से निकाला गया था. लंबी यात्रा के बाद बुधवार की रात ये अयोध्या पहुंचीं. इस दौरान भव्य आतिशबाजी भी की गई, लोगों का कहना है कि आज ही हमारी होली दीवाली है. पहले अयोध्या नाम की थी, आज अयोध्या राम की है.
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
इन दोनों शिलाओं का रामसेवकपुरम में अयोध्या के संत आज पूजन करेंगे. इसके बाद उन्हें राम मंदिर के लिए भेंट किया जाएगा. हाईवे के निकट रामसेवक पुरम के मैदान में ट्रकों को खड़ा किया जाएगा इसके बाद आज सुबह शालिग्राम को ट्रक से उतारकर रखा जाएगा और फिर उन्हें श्री राम जन्मभूमि मंदिर को सौंप दिया जाएगा. इस दौरान आज रामसेवकपुरम में उन शिलाओं को देखने के लिए श्रद्धालु उमड़ सकते हैं.
शिलाओं की आरती और स्वागत की रस्में होंगी
शिलाओं की आरती और स्वागत-सत्कार की रस्में होंगी. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्वागत होगा. पवित्र जल से अभिषेक किया जाएगा. संत-महात्मा-श्रद्धालु दर्शन-पूजन करेंगे. पूजा के बाद शिलाएं मंदिर ट्रस्ट को सौंपी जाएंगी. शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. नेपाल से 2 ट्रकों से लाई गई हैं शिलाएं. एक शिला 24 टन की है जबकि दूसरी 14 टन की है.
6 करोड़ साल पुराने हैं पत्थर
जानकारी के मुताबिक गंडकी नदी में पाई गई ये दोनों शिलाएं (Shaligram Rocks) करीब 6 करोड़ साल पुरानी हैं. अब इन शिलाओं पर भगवान राम के बाल रूप की प्रतिमा उकेरकर उन्हें श्री राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा. इन शिलाओं के अयोध्या में आगमन के वक्त लोगों ने फूलों की बारिश कर उनका स्वागत किया.
2024 तक बन कर तैयार हो जाएगा मंदिर
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति को गर्भ गृह श्रद्धालुओं के लिए खोला जा सकता है. इसके साथ ही मंदिर के दर्शनों के लिए भक्तों का आना-जाना शुरू हो जाएगा. जबकि पूरा मंदिर दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होगा.




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