तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा, जानिए कितने अस्पताल किये गए तैयार

कोरोना की तीसरी लहर आने को है. ऐसे में भारत के लाखों बच्चों पर कोरोना का खतरा ज्यादा बताया जा रहा है.

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कोरोना की तीसरी लहर आने को है. ऐसे में भारत के लाखों बच्चों पर कोरोना का खतरा ज्यादा बताया जा रहा है, लेकिन सवाल ये कि क्या कोराना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) आएगी और क्या कोरोना की तीसरी लहार आएगी तो बच्चों की सेहत पर भारी पड़ेगी. क्योंकि देश के साइंटिस्ट, डॉक्टर और सरकार तक इसकी फिक्र जता चुकी है. इस वक्त आधे हिंदुस्तान में बच्चों पर वायरल बुखार कहर बनकर टूटा है, सैकड़ों की मौत हुई है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर हम बुखार को ही कंट्रोल नहीं कर सकेंगे तो कोरोना की नई लहर से कैसे लड़ेंगे.


आपको बता दें रिपोर्टर्स ने देश भर के 7 राज्यों के अस्पतालों का जायजा लिया है. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र के अस्पतालों का हाल जाना है. जाँच पड़ताल में ये पता चला कि यहां बच्चों के लिए बेड बढ़ाने के साथ-साथ, ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. आईसीय, NICU और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई गई है. सभी बेड पर 24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई के लिए नई पाइप लाइन बिछाई गई है. पहले अस्पताल में 220 बेड्स की व्यवस्था थी. कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बेड्स की संख्या को बढ़ाकर 250 से अधिक किया गया है. वहीं 30 आईसीयू बेड्स को बढ़ाकर 100 कर दिया गया है.


हेड ममता जाजू ने कहा कि यहां वार्ड में बच्चों को अकेला नहीं रखा जाएगा. कोरोना होने की स्थिति में बच्चों के साथ माता-पिता को रहने की अनुमति मिलेगी. इन तैयारियों के साथ ही अस्पताल प्रशासन हेल्पलाइन नंबर जारी करने का प्लान बना रहा है, जिससे बीमार बच्चों को किसी भी समय मदद मिल सके.

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