अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ चीन का 21 टन वजनी रॉकेट, पृथ्वी पर कहीं भी मचा सकता है तबाही

अंतरिक्ष में बादशाहत कायम करने की मंशा से एक के बाद एक कई रॉकेट लॉन्च कर रहा चीन दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है. वही वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि ये रॉकेट कहीं पर भी गिर सकता है.

  • 2146
  • 0

पूरी दुनिया पर कोरोना का कहर बरसाने वाले चीन पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है. अंतरिक्ष में बादशाहत कायम करने की मंशा से एक के बाद एक कई रॉकेट लॉन्च कर रहा चीन दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है. वही चीन के इस रॉकेट का नाम लॉंग मार्च 5बी रॉकेट है और इसका वजन 21 टन यानि 21 हजार किलो है. इसे पिछले हफ्ते यानि 29 अप्रैल को ही लॉन्च किया गया था लेकिन अंतरिक्ष में जाने के बाद ये ऑउट ऑफ कंट्रोल हो गया है. जिसके चलते अब इस रॉकेट पर नियंत्रण बनाना काफी कठिन हो रहा है और वैज्ञानिकों ने चिंता जाहिर की है कि ये रॉकेट कहीं पर भी गिर सकता है. आशंका इस बात को लेकर सबसे ज्यादा है कि अगर ये रॉकेट आबादी वाले हिस्से में गिरता है तो फिर क्या होगा. जिसको लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि अगर 21 हजार किलो का ये रॉकेट किसी शहर के ऊपर गिरता है तो ये भारी तबाही मचा सकता है और सैकड़ों लोगों की जान ले सकता है। सबसे दिक्कत की बात ये है कि ये रॉकेट दुनिया के किस हिस्से में गिरेगा, इसकी सटीक जानकारी नहीं लग पा रही है.


न्‍यूयॉर्क सहित इन देशों में मचा सकता है तबाही

चीन ने गुरुवार को 5 मार्च को अपना 5 बी लॉन्च किया था. जिसके बाद  विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में यह पृथ्वी पर कहीं भी गिर सकता है. पृथ्वी की वस्तु के चारों तरफ चक्कर लगाने वाले ऑब्जेक्ट की निगरानी करने वाले खगोलविद जोनाथन मैकडॉवेल ने स्पेस न्यूज़ को बताया कि उपग्रह को इस समय न्यूयॉर्क, मैड्रिड, बीजिंग से उत्तर और दक्षिण से चिली और न्यूजीलैंड की ओर ले जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह चीनी रॉकेट क्षेत्र में कहीं भी हिट कर सकता है. यह समुद्र में या आबादी वाले क्षेत्र में गिर सकता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस चीनी रॉकेट का एक बड़ा हिस्सा पृथ्वी के करीब आने पर जलकर राख हो जाएगा. उपग्रह ट्रैकर ने पता लगाया है कि 100 फुट लंबा चीनी रॉकेट 4 मील प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है.   चीन ने गुरुवार को इस रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में बनाए जाने वाले अपने स्‍पेस स्‍टेशन का पहला हिस्‍सा भेजा था और इस मॉड्यूल का नाम तियान्हे  रखा गया है.

जानें क्‍यों अंतरिक्ष में अनियंत्रित हुआ चीनी रॉकेट

विशेषज्ञों के अनुसार, 21 टन वजनी यह ऑब्जेक्ट चीनी लॉन्च मार्च 5 बी रॉकेट का मुख्य चरण है. उन्होंने कहा कि गुरुवार को लॉन्च के बाद रॉकेट ने समुद्र में पूर्व निर्धारित स्थान पर गिरने के बजाय धरती के चक्कर लगाने लगा. बताया जा रहा है कि यह अगले कुछ दिनों में पृथ्वी पर गिरेगा. रॉकेट का यह मुख्य भाग 100 फीट लंबा और 16 फीट चौड़ा है. विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी रॉकेट का यह विशाल हिस्सा पृथ्वी के वातावरण में जल जाएगा, लेकिन इसका मलबा पृथ्वी पर कहीं भी गिर सकता है. यह पहली बार नहीं है जब चीन का रॉकेट अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर गया हो. इससे पहले मई 2020 में, लॉन्च मार्च 5B रॉकेट का कोर अनियंत्रित हो गया और इसका मलबा अटलांटिक महासागर के ऊपर गिरा था.  नासा ने चीनी रॉकेट दुर्घटना को वास्तव में खतरनाक बताया था. रॉकेट गिरने से पहले यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लॉस एंजिल्स और न्यूयॉर्क के शहरों के ऊपर से गुजरा था. 


​अंतरिक्ष में खुद का स्‍पेस स्‍टेशन बनाने में जुटा चीन

इससे पहले, चीन ने गुरुवार को अंतरिक्ष में अमेरिका के साथ टक्कर देने के लिए अपने स्वयं के स्पेस स्टेशन का पहला कोर कैप्सूल मॉड्यूल लॉन्च किया. आने वाले दिनों में, बाकी स्पेस स्टेशन को भी इसी तरह के कई लॉन्च के माध्यम से अंतरिक्ष में लाया जाएगा. चीन इस साल के अंत से अपना पहला स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन शुरू करने की योजना बना रहा है. अब तक केवल रूस और अमेरिका ने ऐसा किया है. हालांकि, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का केवल अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन वर्तमान में सक्रिय है. चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी (सीएएसटी) में अंतरिक्ष के उप प्रमुख डिजाइनर बाई लिन्होउ ने कहा कि तियांहे मॉड्यूल स्पेस स्टेशन तियांगोंग के प्रबंधन और नियंत्रण केंद्र के रूप में काम करेगा और इसमें तीन अंतरिक्ष यान एक साथ खड़ा करने की सुविधा है.  चीन ने अपने स्पेस स्टेशन का नाम टियोंगॉन्ग रखा है जिसका चीनी भाषा में इसका अर्थ है स्वर्ग का महल.

​’T’ के आकार का होगा चीनी स्पेस स्टेशन, 15 साल करेगा काम

इस मल्टीमॉडल स्पेस स्टेशन में मुख्य रूप से तीन हिस्से होंगे, जिसमें एक स्पेस कैप्सूल और दो लैब होगी.  इन सभी का कुल वजन लगभग 90 मीट्रिक टन होगा. अंतरिक्ष स्टेशन के मुख्य कैप्सूल का नाम तियानहे है, जिसका अर्थ है स्वर्ग का सामंजस्य.  चीनी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह स्पेस स्टेशन इस साल के अंत तक काम करना शुरू कर देगा.  इसकी जीवन अवधि 15 साल आंकी गई है.  चीनी कोर कैप्सूल की लंबाई 4.2 मीटर और डायामीटर 16.6 मीटर है.  इस जगह से पूरे अंतरिक्ष स्टेशन को संचालित किया जाएगा. इस कैप्सूल में कनेक्टिंग सेक्शन के तीन भाग होंगे, एक लाइफ-सपोर्ट वाला, दूसरा कंट्रोल सेक्शन वाला और तीसरा रिसोर्स सेक्शन होगा.  चीन के अंतरिक्ष केंद्र को बीच में मुख्य मॉड्यूल के साथ अंग्रेजी वर्ण टी-आकार का बनाया जाएगा, जबकि दोनों तरफ की प्रयोगशालाओं के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. प्रत्येक मॉड्यूल का वजन 20 टन होगा और जब अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष यात्री और सामान अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे, तो यह 100 टन तक पहुंच सकता है.

RELATED ARTICLE

LEAVE A REPLY

POST COMMENT