उत्तराखंड: ग्लेशियर टूटने के बाद कुछ इस तरह मची चमोली में तबाही, जानिए अब तक के 8 बड़े अपडेट

उत्तराखंड के चमोली में हाल ही में जो ग्लेश्यिर रविवार को टूटा उसका अब तक का क्या अपडेट है उसके बारे में जानिए यहां।

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उत्तराखंड के चमोली में हाल ही में जो ग्लेश्यिर टूटा उसके चलते काफी ज्यादा तबाही हुई है। इस घटना ने सभी को झकझोर कर बुरी तरह से रख दिया है। सभी के सामने एक बार फिर से 2013 का वो खौफनाक मंजर सामने आ गया। अभी तक इस हादसे में 14 लोगों के शव बरामद हुए हैं और फिलहाल अभी रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चालू है। ऐसे में रविवार को हुई घटना का अब तक का क्या अपडेट है इसके बारे में जानिए यहां।

- रविवार को चमोली के पास जो ग्लेशियर टूटे हैं उस घटना में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 15 लोगों के शवों को बरामद किया गया है। वही, हाल ही में सामने आई  जानकारी के मुताबिक 170 लोग लापता है। 

- इस घटना के चलते एनटीपीसी का तपोवन प्रोजेक्ट, ऋषि गंगा हाइडेल प्रोजेक्ट  बूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। जो लोग इस घटना में घायल हुए है उनमें से ज्यादा लोग मजदूर और कर्मचारी है। 

-उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत तुंरत ही मौके पर पहुंचे। पीएम नरेंद्र मोदी सिंह ने भी  बंगाल और असम में रहते हुए भी चार बार फोन करके स्थिति की जानकारी ली। इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय अपनी और से इस स्थिति पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है।

- रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ITBP के साथ-साथ NDRD, SDRF तीनों सेनाएं और बाकी सभी एजेंसियां शामिल है। मुख्य केंद्र है फंसे हुए लोगों को बाहर निकालना और जन-जीवन को वापस पर पटरी पर लाना। 

- पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से इस घटना में मारे गए लोगों के परिजानों को 2 लाख और सीएम की तरफ से 4 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा सरकार का मुख्य केंद्र है राहत बचाव को लेकर काम करना।


- इस तबाही के चलते एक दर्जन से अधिक गांवों से संपर्क टूट चुका है। ऐसे में मौजूदा वक्त में राहत बचाव कार्य के दौरान ही राशन दिया जाएगा, जोकि गांवों तक पहुंचाया जाएगा।

- इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने इस बात की जांच के भी दिशा-निर्देश दिए हैं  कि आखिर ये ग्लेशियर टूटा कैसे? क्योंकि मौसम बिल्कुल साफ था और बाकी किसी भी तरह की कोई प्राकृतिक चेतावनी भी नहीं मिली थी।

-यूपी और बाकी इलाकों में गंगा के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। बीते दिन अचानक से गंगा, अलकनंदा और बाकी सहायक नदियों का भी जलस्तर बढ़ गया।


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