बख्शेंगे नहीं, हम यह भूलेंगे नहीं : बाइडेन

बताया जाता है कि मृतकों में 13 अमेरिकी सैनिक और कम से कम 95 अफगान नागरिक शामिल हैं।

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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल हमले में मारे गए लाेगों की जान का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘हम उन्हें (हमलावरों को) पकड़कर इसकी सजा देंगे।’ उल्लेखनीय है कि काबुल हवाईअड्डे के पास कल हुए दो आत्मघाती हमलों और बंदूकधारियों द्वारा भीड़ पर की फायरिंग में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि मृतकों में 13 अमेरिकी सैनिक और कम से कम 95 अफगान नागरिक शामिल हैं।


बाइडेन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ‘इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम बख्शेंगे नहीं, हम यह भूलेंगे नहीं। मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा.....' राष्ट्रपति ने कहा कि काबुल में हामिद करज़ई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे और उसके पास एक होटल पर हुए भयावह हमले के पीछे आईएसआईएस-के का हाथ है। बाइडेन ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों को आईएसआईएस-के के ठिकानों, नेतृत्व और सुविधाओं पर हमला करने की योजना तैयार करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि हम काबुल में निकासी अभियान को 31 तक पूरा करेंगेे। 'हम आतंकवादियों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे। हम उन्हें हमारा अभियान रोकने नहीं देंगे।' बाइडेन ने कहा, ‘यह तालिबान के हित में है कि वह आईएसआईएस-के को अफगानिस्तान में पैर न पसारने दे।’ उन्होंने कहा कि कल के हमले में तालिबान और आईएसआईएस की मिलीभगत का कोई सबूत नहीं मिला है।

आईएसआईएस-के ने ली हमले की जिम्मेदारी


दुबई :

अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध आईएसआईएस-के ने काबुल हवाईअड्डे के बाहर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इस संगठन ने कहा कि उसने अमेरिकी सैनिकों और उसके अफगान सहयोगियों को निशाना बनाया। बयान के साथ एक तस्वीर भी साझा की गई। आतंकवादी संगठन ने कहा कि यह वही हमलावर है, जिसने हमले को अंजाम दिया। तस्वीर में कथित हमलावर को काले आईएस झंडे के सामने विस्फोटक बेल्ट के साथ खड़ा देखा जा सकता है, जिसके चेहरे पर एक काला कपड़ा बंधा है और केवल उसकी आंखें दिख रही हैं।


और हमलों की है आशंका


काबुल :

आत्मघाती हमले के एक दिन बाद राजधानी काबुल से निकासी उड़ानें शुक्रवार को फिर से शुरू हो गईं। अमेरिका का कहना है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार की समय सीमा से पहले और हमले की आशंका है। काबुल से जाने वाले विमानों की आवाज़ और गूंजती प्रार्थना के बीच, हवाई अड्डे के बाहर व्याकुल भीड़ खड़ी थी। उधर हवाई अड्डे से करीब 500 मीटर की दूरी पर भारी हथियारों के साथ तालिबान के दर्जनों सदस्य किसी को भी आगे बढ़ने से रोक रहे थे। काबुल के निवासियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह से कई विमानों ने उड़ान भरी है। उधर स्थानीय ‘तोलो टीवी' के संवाददाता द्वारा साझा किए गए फुटेज में हवाई अड्डे के बाहर पहले जितनी ही भीड़ दिखी।

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