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धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है, जो इस बार 2 नवंबर यानी आज के दिन ही है. इस दिन धन के देवता कुबेर, धन्वंतरि जी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है. इस दिन घर के लिए सोना-चांदी और बर्तन खरीदने की भी परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि का वास होता है. जानिए धनतेरस की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, आरती, महत्व.
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
धनतेरस का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. यह तारीख 2 नवंबर को सुबह 11.31 बजे से शुरू होकर 3 नवंबर को सुबह 09:02 बजे खत्म होगी. प्रदोष काल शाम 05:35 बजे से रात 08:11 बजे तक रहेगा. धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 06:17 बजे से शाम 08:11 बजे तक रहेगा. यम दीपम का समय शाम 05:35 बजे से शाम 06:53 बजे तक रहेगा.
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस पूजा के समय भगवान सूर्य, भगवान गणेश, मां दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, कुबेर देव और भगवान धन्वंतरि की मूर्तियां स्थापित करें. इसके बाद भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार पूजा करें. भगवान धन्वंतरि को गंध, अबीर, गुलाल, फूल, रोली, अक्षत आदि चढ़ाएं. उसके मंत्रों का जाप करें. उन्हें खीर चढ़ाएं. भगवान धन्वंतरि को श्रीफल और दक्षिणा अर्पित करें. पूजा के अंत में कपूर से आरती करें. फिर घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं. यम देवता के नाम का दीपक जलाएं.




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