आंध्र प्रदेश में रिजल्ट आने के बाद 10 छात्रों ने की आत्महत्या, 2 अस्पताल में भर्ती

इस साल करीब 10 लाख छात्र शामिल हुए. 11वीं में 61% और 12वीं में 72% स्टूडेंट्स पास हुए. माना जा रहा है कि परीक्षा में असफलता के खौफ में स्कूली छात्रों ने यह जानलेवा कदम उठाया है.

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आंध्र प्रदेश में 48 घंटे में 10 स्कूली छात्रों द्वारा आत्म हत्या करने का मामला सामने आया है. दो अन्य छात्र ने भी आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन उन्हें बचा लिया गया. आंध्र प्रदेश बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एग्जामिनेशन द्वारा बुधवार को 11वीं और 12वीं के नतीजे घोषित किए जाने के बाद छात्रों के आत्म हत्या करने के मामले सामने आने लगे. 

परीक्षा में असफल होने के बाद किया सुसाईड

बता दें कि, इस साल करीब 10 लाख छात्र शामिल हुए थे. 11वीं में 61% और 12वीं में 72% स्टूडेंट्स पास हुए. माना जा रहा है कि परीक्षा में असफलता के खौफ में स्कूली छात्रों ने यह जानलेवा कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक विशाखापत्तनम जिले के मलकापुरम पुलिस स्टेशन इलाके में रहने वाले एक 16 साल की लड़की ने भी आत्महत्या कर ली. वह इंटरमीडिएट के पहले साल में फेल हो गई थी. 

राज्य के विभिन्न इलाकों से कई मामले आए सामने

वहीं श्रीकाकुलम जिले में एक 17 साल के युवक बी तरुण ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी. तरुण 11वीं क्लास का छात्र था और बुधवार को घोषित हुए रिजल्ट में फेल हो गया था. अखिलश्री इंटरमीडिएट फर्स्ट ईयर में थी. कुछ सब्जेक्ट्स में फेल होने के बाद वह परेशान थी. ऐसे ही राज्य के विभिन्न इलाकों से कई मामले सामने आए हैं. इस तरह से छात्रों के सुसाइड के मामले सामने आने के बाद हडकंप मच गया है.  

डीवाई चंद्रचूड़ ने छात्रों की सुसाईड पर जताई चिंता

बता दें कि फरवरी में देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुसाइड कर रहे छात्रों को लेकर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि, हमारे संस्थानों में क्या गलत हो रहा है जो छात्रों को अपनी जान देनी पड़ रही है?  मेरा दिल इन छात्रों के परिवार के बारे में सोचकर दुखता है. बता दें कि चंद्रचूड़ ने आईआईटी में छात्रों द्वारा की जारी आत्महत्या के कई मामले सामने के बाद बयान दिया था. 


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