पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार शाम को एससीओ से जुड़े सीएसटीओ (CSTO) की विशेष बैठक को संबोधित किया. इसमें उन्होंने अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम को लेकर भारत का पक्ष दिया और कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर भारत जैसे पड़ोसी देशों पर पड़ेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार शाम को एससीओ से जुड़े सीएसटीओ (CSTO) की विशेष बैठक को संबोधित किया. इसमें उन्होंने अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम को लेकर भारत का पक्ष दिया और कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर भारत जैसे पड़ोसी देशों पर पड़ेगा. पीएम ने कहा कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम को देखते हुए क्षेत्रीय फोकस और क्षेत्रीय सहयोग बहुत जरूरी है.
इस संदर्भ में हमें चार विषयों पर ध्यान देना होगा। पहला मुद्दा यह है कि अफगानिस्तान में शासन परिवर्तन सर्व-समावेशी नहीं है और बिना बातचीत के हुआ है. इससे नई व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल खड़े होते हैं. महिलाओं, अल्पसंख्यकों सहित अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है. अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों का हमारे जैसे पड़ोसी देशों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा और इसलिए, इस मुद्दे पर क्षेत्रीय फोकस और क्षेत्रीय सहयोग बहुत जरूरी है
अफ़ग़ानिस्तान में हाल के घटनाक्रम का सबसे अधिक प्रभाव हम जैसे पड़ोसी देशों पर होगाऔर इसलिए, इस मुद्दे पर क्षेत्रीय फोकस और क्षेत्रिय सहयोग बहुत आवश्यक है: अफगानिस्तान की स्थिति पर एससीओ और सीएसटीओ की विशेष बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/jOVWIxfQrG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 17, 2021
संयुक्त राष्ट्र को भारत का समर्थन
पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के मामले में यह जरूरी है कि वैश्विक समुदाय सामूहिक रूप से और उचित विचार-विमर्श के साथ नई सरकार की मान्यता पर फैसला करे. भारत इस मामले में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन करता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता और कट्टरता बनी रहती है, तो इससे पूरी दुनिया में आतंकवादी और चरमपंथी विचारधाराओं का उदय होगा. अन्य चरमपंथी समूहों को भी हिंसा के माध्यम से सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है.