उत्तर प्रदेश की राह पर कही न कही गुजरात सरकार इस वक्त चलती हुई नजर आई है। आप सोच रहे होंगे कि हम ये बात आखिर क्यों और किस वजह से कह रहे हैं तो जनाब आपको दें कि जिस तरह से योगी सरकार कई स्टेशनों और जगहों के पूराने नाम बदलकर नए नाम रखती है। इसी तरह से अब गुजरात सरकार ने तो जगह नहीं बल्कि एक फ्रूट का ही नाम बदल दिया है। यानी ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर अब कमलम रख दिया गया है। वैसे क्या आपको पता है कि कमलम यानी ड्रैगन फ्रूट पर बीजेपी के प्रतीक की छाप भी देखने को मिला है। वो कैसे हम आपको बता हैं?
दरअसल मंगलवार के दिन गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार ने अब ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर कमलम रखने का फैसला किया है। वैसे फल का बाहरी आकार बिल्कुल कमल जैसा होता है। इसलिए इस फ्रूट का नाम बदलकर कमलम रखा जाएगा। इसके अलावा गांधीनगर में राज्य भाजपा मुख्यालय का नाम इस वक्त कमलम है। अब आप समझ ही गए होंगे कि हम क्यों कमलम को कमल से जोड़ रहे थे। लेकिन सीएम विजय रूपाणी ने ये साफ कर दिया कि इसमें किसी भी तरह की कोई राजनीति नहीं है। उन्होंने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि चीन के साथ जुड़े ड्रैगन फ्रूट का नाम ही हमने बदल दिया है। वैसे देखा जाए तो कमलम का मतलब संस्कृत में कमल होता है।
दरअसल मुख्यमंत्री बागवानी विकास के शुभारंभ के मौके पर मीडिया संग बातचीत के दौरान सीएम रूपाणी ने कहा कि हमने लोगों ने ड्रैगन फ्रूट के पटेंट को कमलम कहे जाने को लेकर आवेदन तक किया है। लेकिन जब तक गुजरात सरकार ने ये फैसला किया है कि हम इस फल को कमलम कहेंगे। इस नाम में किसी भी तरह की कोई राजनीति नहीं है इस पर ही बात करते हुए सीएम ने कहा- इस वक्त भले ही ये फल ड्रैगन फ्रूट के नाम से जाना जाता है। जो सही नहीं लगता है। कमलम एक संस्कृत शब्द है और फल में कमल का आकार देखने को मिलता है। इसी वजह से हमने इसे कमलम कहने का फैसला ले लिया है और इसमें किसी भी तरह की कोई राजनीति नहीं है।
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