गुजरात इकाई में कई महीनों तक चली अंदरूनी कलह के बाद, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को कांग्रेस छोड़ दी और राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ग्रैंड ओल्ड पार्टी के लिए एक और झटका लगा. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम एक त्याग पत्र के साथ ट्विटर पर अपने फैसले की घोषणा करते हुए पटेल ने कहा कि वह "कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने और पद छोड़ने का साहस जुटा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे यकीन है कि मेरे इस फैसले का मेरे सहयोगी और गुजरात के लोग स्वागत करेंगे. मुझे विश्वास है कि इस कदम से मैं भविष्य में गुजरात के लिए वास्तव में सकारात्मक रूप से काम कर पाऊंगा.
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लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए पाटीदार कार्यकर्ता, चुनाव से पहले दरकिनार किए जाने पर पार्टी और शीर्ष अधिकारियों के साथ अपनी शिकायतों को सार्वजनिक रूप से प्रसारित कर रहे थे. उन्होंने हाल ही में अपनी स्थिति की तुलना "नसबंदी (नसबंदी) में मजबूर दूल्हे" से की थी. पार्टी के 'चिंतन शिविर' के लिए एक दिन बाद पहुंचने के बाद पटेल ने कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को तेज कर दिया था - पार्टी के लिए एक रोडमैप तैयार करने और अपने चुनावी भाग्य को उलटने में मदद करने के लिए दो दिवसीय बैठक.
बाद में उन्होंने पाटीदार समुदाय के प्रभावशाली नेता नरेश पटेल से मुलाकात की और उनसे जल्द से जल्द राजनीति में शामिल होने के बारे में निर्णय लेने का अनुरोध किया. अफवाहों की माने तो युवा नेता बीजेपी में शामिल होने की योजना बना रहे हैं.
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