बेटी देने से पहले ससुराल वालों ने ली परीक्षा, 7 दिन के एग्जाम के बाद पास हुआ दूल्हा

शादी करने के लिए माता-पिता लड़के के गुण देखते हैं, सबसे पहले नौकरी के बारे में पता लगाते हैं। आपने युवाओं को सरकारी नौकरी के परीक्षा देते तो सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी यह सुना है की दुल्हनिया पाने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है ?

प्रतीकात्मक तस्वीर
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शादी करने के लिए माता-पिता लड़के के गुण देखते हैं, सबसे पहले नौकरी के बारे में पता लगाते हैं। आपने युवाओं को सरकारी नौकरी के परीक्षा देते तो सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी यह सुना है की दुल्हनिया पाने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है ?  उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से इस तरह का अजीबोगरीब मामला सामने आ रहा है, यहां पर दूल्हा अपनी दुल्हनिया को पाने के लिए 7 दिनों तक ससुराल में रहकर परीक्षा देता है। 7 दिन बाद जब दूल्हा अपनी परीक्षा में पास हो जाता है, तो घर वाले अपनी लड़की को विदा कर देते हैं। बता दें कि, 7 दिन पहले ही दूल्हा अपने ससुराल बरात लेकर गया था, इसके बाद बारातियों का जोरदार स्वागत भी किया गया, इसके अलावा शादी की रस्में भी शुरू हो गई सात फेरों के बाद अचानक से ही दूल्हा जमीन पर लोटने लगा। 

ससुराल वालों ने रखी शर्त

बता दें कि, ससुराल वालों ने दूल्हे को जमीन पर लेटकर अजीबोगरीब हरकतें करते देखा, तो हर कोई मिर्गी आने की बात कहने लगा और दुल्हन को दूल्हे के साथ भेजने से इनकार कर दिया। जब यह मामला तेजी से बढ़ने लगा तो दूल्हे को मेडिकल चेकअप कराना पड़ा, लेकिन उसके बाद भी दुल्हन ससुराल जाने को राजी नहीं हुई, इतना ही नहीं इसके बाद दोनों पक्षों ने बैठकर एक दूसरे से बातचीत की और नतीजा यह निकला कि, दूल्हा एक सप्ताह दुल्हन के घर पर रहेगा यदि इस दौरान उसे दौरा नहीं आता है तो दुल्हन उसके साथ भेज दी जाएगी।

दूल्हे ने कि अजीब हरकत 

अधिक जानकारी के लिए बता दें कि, करीब 10 दिन पहले युवक की बारात दिल्ली से आई थी शादी संपन्न होने के बाद जैसे ही दूल्हे को टीका करने की रस्म शुरू की गई, तो दूल्हा अजीब हरकतें करने लगा। इसके बाद यह बताया गया कि, उसे मिर्गी का दौरा पड़ गया यह सुनने के बाद दुल्हन भी सदमे में पहुंच गई और ससुराल जाने से साफ इनकार कर दिया था। इसी दौरान दूल्हे का मेडिकल चेकअप भी कराया गया जिसमें सब कुछ नॉर्मल आया, लेकिन उसके बाद भी दुल्हन ससुराल नहीं गई।

गांव में बैठी पंचायत

इस पूरे मामले को लेकर दोनों पक्षों की पंचायत गांव में बिठाई गई और यह निर्णय लिया गया कि, दूल्हे को एक सप्ताह तक अपने ससुराल में रहना होगा, दूल्हे को दुल्हन के साथ-साथ उसके परिवार की कड़ी निगरानी में रहना है। यदि इस दौरान दौरा पड़ता है, तो दुल्हन ससुराल नहीं जाएगी यदि सब कुछ सही रहा, तो दुल्हन को विदा कर दिया जाएगा। इस फैसले पर दूल्हा एक सप्ताह तक ससुराल रहा और खुद को साबित किया कि, उसे मिर्गी के दौरे की बीमारी नहीं है। वही वादे के मुताबिक, दुल्हन उसके साथ विदा हो गई अब यह कहा जा रहा है की शादी में अचानक से दूल्हे की तबीयत खराब हो गई थी उसे किसी तरह की मिर्गी की बीमारी नहीं थी।

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