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कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद DGCA का बड़ा कदम: एयरलाइंस को राहत देने के निर्देश
22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें 2 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इस घटना के बाद, जहां एक ओर पूरा देश शोक में डूबा हुआ है, वहीं दूसरी ओर सैकड़ों पर्यटक और श्रद्धालु जो अमरनाथ यात्रा या घूमने के लिए कश्मीर पहुंचे थे, अब आतंकवादी हमले के कारण बुरी तरह से फंसे हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने तत्काल प्रभाव से दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य श्रीनगर में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालना है।
DGCA ने 23 अप्रैल 2025 को एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की, जिसमें कहा गया है कि एयरलाइंस को तुरंत प्रभाव से श्रीनगर से देशभर के विभिन्न गंतव्यों के लिए अतिरिक्त उड़ानें संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, एयरलाइंस से यह भी अनुरोध किया गया कि वे अपने उड़ान रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण शुल्क को माफ करें और टिकटों की कीमतों में वृद्धि न करें। इससे पर्यटकों को आसानी से वापस लौटने का अवसर मिलेगा, और उन्हें अतिरिक्त खर्च का सामना नहीं करना पड़ेगा।
यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि आतंकवादी हमले के बाद बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु अपने घर लौटने के लिए बेताब थे। उनकी सुरक्षा और सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया, ताकि वे बिना किसी समस्या के सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। DGCA के निर्देशों के बाद, एयरलाइंस को अपनी फ्लाइट्स बढ़ाने और अधिक सीटों का प्रस्ताव देने का आदेश दिया गया, जिससे फंसे हुए यात्रियों को राहत मिलेगी।
इस आदेश के बाद, जिन पर्यटकों ने पहले ही कश्मीर में होटल और ट्रांसपोर्ट बुक कर रखा था, उन्हें भी अब फ्लाइट्स की उपलब्धता और सस्ती टिकटों की वजह से कोई समस्या नहीं होगी। इसी बीच, सऊदी अरब में पीएम नरेंद्र मोदी का दौरा भी कश्मीर के इस आतंकी हमले के कारण बीच में ही रद्द कर दिया गया। पीएम मोदी ने घटना के बाद अधिकारियों और विदेश मंत्री से मुलाकात की और कश्मीर के हालात पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
यह कश्मीर की जनता और पर्यटकों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि DGCA के इस निर्णय ने न केवल सुरक्षा की दृष्टि से मदद की, बल्कि फंसे हुए यात्रियों को अतिरिक्त वित्तीय बोझ से भी मुक्त किया। अब वे बिना किसी परेशानी के अपने घर लौट सकते हैं और उनकी यात्रा में कोई रुकावट नहीं आएगी।
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