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IPL 2020: ये हैं गुदड़ी के लाल, फील्ड में सोए, भूखे रहे, चाय बेचा, अब आईपीएल में मचाएंगे धमाल!

2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से, हमने कई होनहार खिलाड़ियों को सितारा बनते देखा है। यहां बेहतर प्रदर्शन की बदौलत उन्हें इंडियन क्रिकेट टीम में भी जगह मिली है।

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By Anshita Shrivastav | खेल - 19 September 2020

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2020) का 13वां संस्करण संयुक्त अरब अमीरात में 19 सितंबर यानी आज से शुरू होने जा रहा है। वर्तमान में कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस टूर्नामेंट को भारत से बाहर ले जाया गया है। हर बार की तरह इस बार भी टूर्नामेंट पर भारत सहित पूरी दुनिया के क्रिकेट प्रेमियों की नजर बनी हुई है।

आईपीएल हमेशा युवा खिलाड़ियों के उभरने का मौका देने वाला एक मंच साबित हुआ है। इसमें नवोदित क्रिकेटरों को अपनी प्रतिभा को बड़े मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर मिला है। 2008 में आईपीएल की शुरुआत के बाद से, हमने कई होनहार खिलाड़ियों को सितारा बनते देखा है। यहां बेहतर प्रदर्शन की बदौलत उन्हें इंडियन क्रिकेट टीम में भी जगह मिली है। 

आइए हम भविष्य के पांच ऐसे संभावित क्रिकेटरों पर एक नज़र डालते हैं, जो इस सीजन में अपना आईपीएल डेब्यू कर रहे हैं। आशा की जा रही है कि ये खिलाड़ी अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंश के जरिए खुद को साबित करेंगे और पहले के खिलाड़ियों की तरह स्टार बनकर उभरेंगे। इन खिलाड़ियों में राजस्थान रॉयल्स के यशस्वी जायसवाल और कार्तिक त्यागी, किंग्स इलेवन पंजाब के रवि बिश्नोई, हैदराबाद सनराइजर्स के प्रियम गर्ग और कोलकाता नाइट राइडर्स के टॉम बैंटन का नाम प्रमुख है।

आईपीएल के संभावित सितारों पर एक नजर...


1. यशस्वी जायसवाल, राजस्थान रॉयल्स:-

क्रिकेट करियर- यशस्वी जायसवाल आईपीएल 2020 की नीलामी में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले युवाओं में से एक हैं और सबसे ज्यादा पैसों के साथ उनकी बोली लगाई गयी। लेकिन  आईपीएल 2008 के चैंपियन राजस्थान रॉयल्स ने इसमें बाजी मारी, और जायसवाल को 2.4 करोड़ की बोली के साथ अपनी टीम में शामिल कर लिया।

इस साल की शुरुआत में आयोजित आईसीसी अंडर -19 क्रिकेट विश्व कप 2020 में, जायसवाल ने अपनी काबिलियत साबित की और छह मैचों में 400 रन बनाने वाले सबसे अच्छे बल्लेबाज बन गए। टूर्नामेंट में अपने बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' का पुरस्कार भी दिया गया। जायसवाल लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर हैं। इसके अलावा वह लेग स्पिन भी कर सकते हैं। 


पर्सनल लाइफ- यशस्वी जायसवाल का जन्म 28 दिसंबर 2001 को वैश्य जाति, सुरियावां, भदोही, उत्तर प्रदेश में हुआ था। यशस्वी छह भाई-बहनों में चौथे नंबर के हैं, यशस्वी के पिता भूपेंद्र जायसवाल एक छोटे से हार्डवेयर स्टोर के मालिक हैं और कंचन जायसवाल हाउस वाइफ हैं। यशस्वी को बचपन से  क्रिकेट खेलने का शौक था इसलिए दस साल की उम्र में ही वह दादर से मुंबई चले गए, जिससे आज़ाद मैदान में क्रिकेट की ट्रेनिंग कर सकें। क्योंकि दादर मैदान से बहुत दूर था, वह वहीं रहने लगे और एक डेरी में छोटे-मोटे काम करने लगे काम के बदले में एक डेयरी की दुकान में रहने को जगह मिली। अपनी ट्रैंनिंग के चलते यशस्वी दुकान पर ज्यादा काम नहीं कर पा रहा था जिस कारण दुकान के मालिक ने उसे निकाल दिया। अब यशस्वी के पास रहने की कोई जगह नहीं थी जिस कारण से वो मैदान में टेंट में रहने लगे। जहां वे अक्सर भूखे सोते थे और खर्चों को पूरा करने के लिए पानीपुरी बेचते थे।

तीन साल तक टेंट में रहने के बाद, दिसंबर 2013 में जायसवाल की क्रिकेट प्रतिभा पर ज्वाला सिंह की नज़र पड़ी जो कि संताक्रूज़ में क्रिकेट अकादमी चलाया करते हैं। उनके कानूनी अभिभावक बनने से पहले और उनकी पावर ऑफ अटॉर्नी प्राप्त करने से पहले सिंह ने जायसवाल को अपने विंग में ले लिया और रहने की जगह दी। 


2. कार्तिक त्यागी, राजस्थान रॉयल्स:-

क्रिकेट करियर- राजस्थान रॉयल्स आईपीएल में एक और युवा खिलाडी को शामिल कर लिया है। इस सूची में अगला नाम है कार्तिक त्यागी। त्यागी को रॉयल्स ने 1.3 करोड़ की भारी कीमत के साथ टीम में शामिल किया है। कार्तिक त्यागी घरेलू सर्किट में उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हैं और रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में टीम के लिए खेल चुके हैं।

त्यागी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंडर -19 विश्व कप क्वार्टरफाइनल में भारत के गेंदबाजी के सितारों में से एक हैं। त्यागी गेंद को दोनों तरफ से स्विंग कर सकते हैं जो कि आईपीएल फ्रैंचाइज़ी के लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है। जोफ्रा एचर के साथ, रॉयल्स समय पर विकेट लेने के लिए उन्हें अतिरिक्त गति विकल्प के रूप में स्लॉट कर सकते हैं। गेंद को स्विंग कराने की उनकी क्षमता आईपीएल में बहुत काम आ सकती है।


पर्सनल लाइफ- कार्तिक का जन्म 8 नवम्बर 2000 को उतरप्रदेश के हापुड़ जिले के धनौरा गाँव में हुआ था। कार्तिक के पिता का नाम योगेन्द्र त्यागी है जो एक किसान है और खेती करते है। मां नीलम त्यागी हाउस वाइफ है। कार्तिक के पिता ने इसी के सहारे अपने बेटे को इस बड़े मुकाम तक पहुँचाया है। कार्तिक ने 12 साल की उम्र से ही अपने जूनून क्रिकेट का पीछा करना शुरू कर दिया था। कार्तिक को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलाने के लिए उनके पिता योगेंद्र ने ढेरों दिक्कतों का सामना किया है। एक वह वक्त भी था जब त्यागी अपने पिता के खेतों में उनकी मदद करते थे। इन सभी स्ट्रगल के बीच एक बात तय थी कि वह क्रिकेटर बनना चाहते थे। कार्तिक का बोरे ढोने वाले मजदूर से जूनियर इंटरनैशनल टीम में सिलेक्शन तक का सफर आसान नहीं रहा। वर्ष 2012 में कार्तिक ने हापुड़ के ही एक क्लब में ही क्रिकेट के टिप्स सीखना शुरू किया। जहां से कार्तिक हैं सुबिधायें कम थी और वहां से क्रिकेट में आगे बढ़ना मुश्किल था, तो कार्तिक ने वर्ष 2015 में मेरठ विक्टोरिया पार्क में क्रिकेट का अभ्यास करना शुरू किया। कार्तिक के हुनर को देखते हुए पहले उसका सिलेक्शन उत्तरप्रदेश की अंडर-14 टीम में हुआ 2 साल वहां खेलने के बाद उनके अच्छे प्रदर्शन की बदोलत उनका सिलेक्शन उत्तरप्रदेश अंडर-16 में हो गया।


3. रवि बिश्नोई, किंग्स इलेवन पंजाब:-

क्रिकेट करियर- भारतीय अंडर-19 में चुनने के कुछ महीनो बाद आईपीएल 2020 की ऑक्शन हुई, जिसमे सभी की नजर रवि बिश्नोई पर थी। रवि के लिए 20 लाख के बेस प्राइस से शुरू होने वाली बोली 2 करोड़ तक पहुँच गयी और आखिरकार रवि को आईपीएल की टीम किंग्स इलेवन पंजाब ने 2 करोड़ की सबसे बड़ी बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल किया। 

बिश्नोई घरेलू सर्किट में राजस्थान के लिए खेलते हैं और 2018-19 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से शुरुवात की। टीम के लिए उनके शानदार प्रदर्शन के कारण, उन्हें 2020 विश्व कप के लिए भारत के अंडर -19 टीम में चुना गया। वे दांये हाथ के लेग ब्रेक स्पिनर गेंदबाज़ हैं।  उनका ये हुनर टीम के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।


पर्सनल लाइफ- रवि बिश्नोई का जन्म 5 सितम्बर 2000 को जोधपुर जिले के गाँव बिरामी, राजस्थान में हुआ था।  इनके पिता मांगीलाल बिश्नोई एक सहकारी टीचर है जो हेडमास्टर के पद पर कार्यरत है। रवि ने अपनी शुरुआती पढाई जोधपुर के महावीर पब्लिक स्कूल से पूरी की।  रवि बिश्नोई एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते है, उनकी मां के मुताबिक रवि को बचपन से क्रिकेट का शौक था। उन्होंने खुद अपने लिए क्रिकेट अकादमी ढूंढी पापा से पैसे मांगे और अगले दिन जाकर क्रिकेट सीखना शुरू कर दिया।  रवि बिश्नोई ने जोधपूर की सपार्टन अकादमी से कौच प्रद्योत सिंह के साथ अपनी प्रोफेशनल क्रिकेट की शुरुआत की।  रवि अपने करियर में कई बार रिजेक्ट किये गये।  उन्हें दो मैचों के लिए राज्य स्तरीय अंडर-16 टीम में चुना गया था, लेकिन उन्हें किसी भी खेल में खेलने का मौका नहीं मिला। 

2018 में, रवि बिश्नोई ने राज्य संघ द्वारा आयोजित 5 चुनिन्दा मैचों में 15 विकेट लिए।  यहां तक ​​कि नेशनल बोर्ड के आयोजित टेस्ट में उन्होंने पांच विकेट लिए और एक शतक बनाया, लेकिन फिर भी अंडर-19 टीम के लिए नहीं चुने गए।  इन सभी रिजेक्शन से रवि दुखी हो गये, और उन्हें इस तरह देख उसके पिता ने उसे क्रिकेट को छोड़ सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा. हालांकि, बाद में रवि के कोच ने रवि के पिता को उनके बेटे को क्रिकेट अभ्यास के लिए एक और साल देने के लिए मना लिया। रवि को क्रिकेट खेलने के लिए अपने गांव से 40 किलोमीटर का सफ़र करके जोधपुर आना पड़ता था। क्रिकेट का जूनून प्रकार था कि अपनी 12वी की बोर्ड परीक्षा छोड़कर आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल के लिए नेट पर बोलिंग करना चुना था। ये फैसला उन्होंने अपने कोच की सलाह से लिया था। 


4. प्रियम गर्ग, हैदराबाद सनराइजर्स:-

क्रिकेट करियर- प्रियम गर्ग को आईपीएल 2020 में सनराइजर्स हैदराबाद ने 1.9 करोड़ की बोली लगाकर टीम में शामिल कर लिया।गर्ग दाएं हाथ के मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं जिन्होंने 2018-19 के रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट से शुरुआत की थी। प्रियम रिंकू सिंह के बाद दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी के खिलाडी हैं। आईसीसी अंडर -19 विश्व कप 2020 के लिए उन्हें भारत का कप्तान बनाया गया था और जब भी टीम को उनकी जरूरत होती थी, तब वह बल्ले से योगदान देते हुए फाइनल में अपना पक्ष रखते थे। सनराइजर्स हैदराबाद के लिए उनका ये चुनाव बहुत सही साबित हो सकता है। वह नंबर तीन या चार पर आ सकता है।


पर्सनल लाइफ- प्रियम गर्ग का जन्म 30 नवंबर 2000 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। प्रियम कभी स्कूल नहीं गया क्योंकि वह क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहता था। जब वह केवल 11 साल के थे उनकी मां का निधन हो गया था। वह एक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से है, और वह अपनी मां की मृत्यु के बाद अपने परिवार का समर्थन करने के लिए क्रिकेट छोड़ना चाहता था और नौकरी करना चाहता था। हालांकि उनके पिता ने उन्हें ट्रैंनिंग जारी रखने और क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। प्रियम के पिता, नरेश गर्ग स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल विभाग में एक ड्राइवर हैं। 6 साल की उम्र से ही प्रियम ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।

 प्रियम के पिता ने मेरठ में “विक्टोरिया पार्क” क्रिकेट ग्राउंड के कोच से संपर्क किया, और उन्होंने उससे प्रियम को खेलने के लिए अनुरोध किया। कोच, संजय रस्तोगी ने उन्हें खेलते देखा, और उन्हें तुरंत पता चल गया कि प्रियम एक कुशल बल्लेबाज था, और वह प्रियम को मुफ्त ट्रैंनिंग करने के लिए तैयार हो गए। क्रिकेट का मैदान उनके घर से 40 किमी दूर था और वह हर दिन अपने एक भाई-बहन के साथ बस में क्रिकेट ट्रेनिंग लेने के लिए जाते थे। 2018 में उन्हें उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम में राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया। उन्होंने अपनी शुरुआत “विजय हजारे ट्रॉफी” में की। एक महीने बाद, जब वह रणजी ट्रॉफी में खेल रहे थे, तब उन्होंने अपना पहला शतक गोवा के खिलाफ बनाया।

 

5. टॉम बैंटन, कोलकाता नाइट राइडर्स:- 

क्रिकेट करियर- इस सूची में एक और नाम शामिल है जिसने पिछले कुछ वर्षों में टी 20 सर्किट को हिट किया है वो नाम है टॉम बैंटन। 21 वर्षीय इंग्लैंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं। इन्हें कोलकात नाइटराइडर्स ने अपनी टीम में शामिल किया है।

बैंटन मिस्टर 360 एबी डिविलियर्स की तरह मैदान के चारों ओर शॉट्स खेलने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने अपने बिग बैश लीग के डेब्यू सीज़न में ब्रिस्बेन हीट के लिए सात मैचों में कुल 223 रन बनाए, ऐसा 177 की शानदार स्ट्राइक रेट से किया। इस युवा खिलाड़ी ने इंग्लैंड के लिए केवल तीन टी 20 मुकाबले खेले हैं, लेकिन शानदार रन बनाए हैं। 


पर्सनल लाइफ- टॉम बैंटन का जन्म 11 नवंबर 1998 को चिली के बकिंघमशायर, यूनाइटेड किंगडम में हुआ था। वह एक अंग्रेजी क्रिकेट खिलाड़ी हैं। टॉम बैंटन के पिता कॉलिन बैंटन एक अंग्रेजी क्रिकेटर थे। इसलिए, उन्होंने बहुत कम उम्र में एक क्रिकेटर बनने का फैसला किया। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ  क्रिकेट खेलना भी जारी रखा। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने टूनटन के किंग्स कॉलेज में दाखिला लिया जहां उन्होंने कई खेल खेले। उन्होंने U-17 स्तर पर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व भी किया। पूर्व क्रिकेटर फिल लुईस ने उन्हें केवल क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा क्योंकि उन्हें लगता था कि टॉम एक अच्छे  क्रिकेटर बन सकते हैं। उन्होंने 2017 में इंग्लैंड के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया। एक शानदार रन बनाने वाले और शानदार विकेट कीपिंग स्किल के साथ, वह समरसेट में एक स्टार बन गए। वह पहले से ही इंग्लैंड के अगले सुपरस्टार बनने के लिए कतार में हैं।

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