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हर किस व्यक्ति के अंदर कोई न कोई प्रतिभा छिपी ही होती है। बस जरूरत होती है उसे पहचानने और तराशने की। हमारे देश भारत में ऐसे कई लोग हुए जिन्होंने सिर्फ देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपना और भारत का नाम रोशन किया है। उससे भी बड़ी बात ये है कि सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाओं ने भी समय-समय पर देश का गौरव बढ़ाया है। उनकी काबिलियत, हुनर आदि के कारण दुनिया में आज भी उन्हें याद किया जाता है और सम्मान दिया जाता है। उन्हीं प्रतिष्ठित लोगों में से एक नाम है आरती शाह। जिनके 80वें जन्मदिन पर गूगल ने इनको सम्मान देते हुए डूडल को डेडिकेट किया। बता दें कि गूगल अक्सर अपने डूडल के जरिए समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को याद करता रहता है। कौन हैं आरती शाह? क्यों कर रहा है गूगल सम्मनित? भारत के लिए क्या है इनका योगदान? चलिए बताते हैं आपको।

- आरती इंग्लिश चैनल को तैर कर पार करने वाली पहली एशियाई महिला हैं, जिसे माना जाता है माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के बराबर
- आरती शाह का पूरा नाम आरती शाह गुप्ता है, उनका जन्म कलकत्ता पश्चिम बंगाल में 24 सितंबर 1940 को हुआ था
- महज 4 साल की उम्र से तैराकी की शुरु, सचिन नाग ने तैराकी प्रतिभा को पहचाना और उसे तराशने का कार्य किया शुरू
- महज पाँच वर्ष की उम्र में जीता था पहला तैराकी स्वर्ण पदक, हुगली नदी के तट पर सीखा तैरना
- 1952 में मात्र 11 साल की उम्र में हेलसिंकी ओलंपिक में लिया भाग
- ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली टीम में बनी सबसे कम उम्र की सदस्य
- शाह ने मात्र 18 साल की उम्र में इंग्लिश चैनल को पार करने का किया पहला प्रयास, रहीं असफल
- ठीक एक महीने बाद, यात्रा को पूरा करने के लिए कई मील की लहरों और धाराओं पर की जीत हासिल
- आरती ने 42 मील की यह दूरी 14 घंटे 20 मिनट में पूरी की थी, उनकी प्रतिभा के लिए उन्हें 1960 में पद्मश्री से किया गया सम्मानित
- 1998 में भारतीय डाक में आरती शाहा के नाम पर भी एक टिकट किया जारी, जो एक सराहनीय काम था




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