Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

डायबिटिक रिसर्च में मिली कामयाबी, इस खास बैंडेज से ठीक होगा मरीज

डायबिटीज के मरीजों में देखा जाता है कि अगर उन्हें कोई चोट लग जाए तो उसे ठीक होने में काफी समय लग जाता है.

Advertisement
Image Credit: प्रतीकात्मक तस्वीर
Instafeed.org

By Taniya Instafeed | स्वास्थ्य - 08 December 2023

डायबिटीज के मरीजों में देखा जाता है कि अगर उन्हें कोई चोट लग जाए तो उसे ठीक होने में काफी समय लग जाता है. यह सच है कि डायबिटीज के मरीजों के घाव भरने में काफी समय लगता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. दरअसल, कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में डायबिटीज के मरीजों पर एक खास रिसर्च की गई है. इसमें एक खास पट्टी काफी असरदार मानी जाती है. इस पट्टी को लगाने से मधुमेह के रोगियों के घाव बहुत ही कम समय में पूरी तरह ठीक हो जाते हैं.

गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज, कानपुर में पिछले 10 महीने से फुट केयर क्लिनिक शुरू किया गया है. यहां कई अन्य शोध भी हो रहे हैं. इसी क्रम में कई ऐसे मधुमेह रोगी आते थे जिन्हें कोई न कोई चोट लगी होती थी, लेकिन कई दिनों के बाद भी उनका घाव ठीक नहीं होता था. इसके बाद मरीज पर एक विशेष पट्टी का प्रयोग किया गया. इसका परिणाम बेहद सकारात्मक सामने आया है. इस बैंडेज में कोलेजन प्रोटीन और नाइट्रेट ऑक्साइड का इस्तेमाल किया गया है.

मरीजों पर एक खास रिसर्च

शोध का अध्ययन करने वाले जीएसवीएम मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. शिवेंद्र वर्मा ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में परीक्षण के लिए एक विशेष प्रकार की पट्टी लाई गई थी. इस पट्टी का परीक्षण कई ऐसे मरीजों पर किया गया जिनके घाव कई दिनों तक ठीक नहीं हो रहे थे. इस पट्टी को लगाने के कुछ ही समय में उन्हें अत्यधिक लाभ हुआ. पट्टी लगाने के बाद घाव में मौजूद बैक्टीरिया बहुत जल्दी मर गए और घाव वाली जगह पर टिश्यू तेजी से बनने लगे और रक्त का प्रवाह भी पहले की तरह शुरू हो गया.

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

डॉक्टर शिवेंद्र वर्मा ने बताया कि यह पट्टी काफी महंगी है. इसकी कीमत 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है, लेकिन यहां यह मुफ्त में आया है. इसी वजह से इसे मरीजों के लिए भी मुफ्त उपलब्ध कराया गया है. आगे इसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मरीजों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही बताया कि इस स्टडी को इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए भी भेजा जाएगा.


Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.