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अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों की दिल दहला देने वाली कहानियाँ: डंकी रूट से लौटे युवा

अमेरिका से अवैध तरीके से प्रवेश करने के आरोप में डिपोर्ट किए गए भारतीयों की दिल दहला देने वाली कहानियाँ, जिन्होंने डंकी रूट के खतरनाक सफर को झेला। जानिए मंदीप सिंह, हरप्रीत सिंह और जितेंद्र सिंह की भयानक यात्रा की सच्ची कहानी, जो लाखों भारतीयों के लिए चेतावनी बन गई है।

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Image Credit: social media
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By Shraddha Singh | Delhi, Delhi | राजनीति - 17 February 2025

अमेरिका से अवैध तरीके से प्रवेश करने के आरोप में भारतीयों की एक और फ्लाइट अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरी। इस विमान में वे लोग थे जिन्हें अमेरिकी प्रशासन ने डिपोर्ट करके भारत वापस भेज दिया। इनमें से एक शख्स, रिटायर्ड फौजी मंदीप सिंह ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए अपनी दिल दहला देने वाली कहानी सुनाई, जिसे जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंचे मंदीप सिंह

मंदीप सिंह, जो डंकी रूट के जरिए अमृतसर से अमेरिका पहुंचे थे, ने कहा, "यह रास्ता मौत के सामान है। यह एक ऐसा सफर है जिसमें फ्लाइट, गाड़ी और पैदल चलकर नदियाँ, जंगल, और पहाड़ पार करने पड़ते हैं। कई दिनों तक भूखे प्यासे रहना पड़ता है। नदियों को रात के अंधेरे में पार करना और पहाड़ों से गुजरना, यह अनुभव किसी को न हो।" मंदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी सारी जिंदगी की कमाई इस सफर में गंवा दी और अंत में अमेरिका में पहुंचने के बाद उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि डंकी रूट इतना खतरनाक था कि इसे बताने में भी शर्म आती है।

मंदीप सिंह की यात्रा और संघर्ष

38 वर्षीय मंदीप सिंह ने 17 साल तक भारतीय सेना में सेवा दी। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अमेरिका जाने का निर्णय लिया। वह पनामा से होते हुए 13 दिनों तक पैदल चलकर नदी, जंगल और दलदल से गुजरते हुए अमेरिका पहुंचे। लेकिन अमेरिका पहुंचने के बाद उन्हें मैक्सिको बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया और डिपोर्ट कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान एजेंटों ने उनसे 40 लाख रुपये भी हड़प लिए। मंदीप सिंह ने कहा कि सरकार को एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

हरप्रीत सिंह का दुखद अनुभव

हरप्रीत सिंह, जो अमृतसर के घनश्यामपुर गांव के निवासी हैं, ने भी अपनी दास्तान सुनाई। उन्होंने बताया कि उनके पिता चोट के कारण काम नहीं कर सकते थे, और परिवार के पास खेती की जमीन भी नहीं थी। भारतीय सेना में भर्ती होने की कोशिश की, लेकिन चयन नहीं हो पाया। फिर उन्होंने अमेरिका जाने का रास्ता चुना। एजेंटों के जरिए उन्हें इटली, स्पेन, ग्वाटेमाला और अन्य देशों से होते हुए 24 जनवरी को अमेरिका भेजा गया। उन्होंने कहा कि उन्हें पहले फ्लाइट से अमेरिका भेजने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें डंकी रूट के जरिए अमेरिका पहुंचने के लिए मजबूर किया गया। यात्रा के दौरान खाने की कमी, मोबाइल फोन का जब्त होना और लगातार मुश्किलें झेलने के बाद उन्हें अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया।

जितेंद्र सिंह का भयानक अनुभव

अमृतसर के बंडाला गांव के जितेंद्र सिंह ने भी अपनी कड़ी यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने सितंबर 2024 में अमेरिका जाने का सफर शुरू किया था। एजेंट ने उन्हें पहले मुंबई से फ्लाइट के जरिए गुयाना भेजा, फिर गाड़ियों में चलते हुए और कई दिन पैदल यात्रा करते हुए उन्हें अमेरिका पहुंचने का प्रयास किया। जितेंद्र सिंह ने बताया कि रास्ते में वे भूख और थकान से जूझते रहे और कुछ जगहों पर तो नर कंकाल भी देखे। उन्होंने कहा कि यह यात्रा अत्यंत भयानक थी, और कई बार तो उन्हें जिंदगी की सबसे कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।

पंजाब में सियासत तेज

अमेरिका से अवैध तरीके से डिपोर्ट किए गए भारतीयों की बढ़ती संख्या को लेकर पंजाब में सियासत गर्मा गई है। इन युवाओं की दुखद कहानियाँ सुनकर हर कोई हैरान है और उनकी मदद के लिए कई आवाजें उठ रही हैं। लेकिन इन कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बाद भी इन युवाओं का संदेश साफ है – अगर सरकार हमारे देश में रोजगार के मौके बढ़ाए तो शायद कोई विदेश जाने का जोखिम न उठाए।

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