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बता दें कि ज्ञानेश कुमार देश के अगले Chief Election Commissioner of India (CEC) होंगे। CEC की नियुक्ति को लेकर सोमवार को PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसके बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्रालय ने CEC के लिए उनका नाम ऐलान कर दिया। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल थे। लेकिन ज्ञानेश कुमार को CEC के आयुक्त बनाए जाने की प्रकिया को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आपत्ति जताई है। चालिए जानते है कांग्रेस के नेता ने इस पर आपत्ति क्यों जताई है?
केंद्र सरकार ने
बदला कानून
आपको बता दें कि
पहले CEC की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा PM की सलाह पर की जाती थी। नए कानून से पहले PM लोकसभा में विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश की
समिति को मिवकर CEC का नाम तय किया जाता था। लेकिन केंद्र सरकार ने
ये कानून बदल दिया था।
अब CEC का चयन कैसे होगा?
अब CEC और EC की नियुक्ति
(नियुक्ति सेवा की शर्तें अधिनियम 2023 के तहत) होगी। इस अधिनियम के तहत CEC और EC की नियुक्ति
राष्ट्रपति द्वारा चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाएगी। इस नियुक्ति की प्रकिया
में मुख्य न्यायाधीश को छोड़कर प्रधानमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, और विपक्ष
दल के नेता शामिल होंगे। यह अधिनियम संविधान के 324 अनुच्छेद में है।
इस पर अन्य
विपक्षी दलों का क्या कहना है?
कांग्रेस समेत अन्य
विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से पारदर्शिता खत्म हो जाएगी।
राहुल गांधी CEC के नए
फैसले पर असहमति जताते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसे में CEC की नियुक्ति की बैठक नहीं हो सकती। ये अदालत के
खिलाफ है इसके लिए राहुल गांधी ने एलओपी पत्र भी सौंपा है। इस याचिका पर सुप्रीम
कोर्ट 19 फरवरी को सुनवाई करेंगी। CEC का चयन करने का फैसला अदालता के बाद ही होगा।
राज्यसभा सांसद के कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा “बीजेपी CEC के चुनाव प्रकिया में
मुख्य न्यायाधीश को बाहर करके संवैधानिक संस्थाओं पर अपना नियंत्रण चाहते हैं और विश्वसनीयत
नहीं रहने देना चाहते”।




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