Hindi English
Login
Image
Image

Welcome to Instafeed

Latest News, Updates, and Trending Stories

Atrangi Re Review: अनोखी लव स्टोरी में छाए सारा-धनुष और अक्षय

फिल्म की खूबसूरती इसके किरदार हैं. सारा अली खान यहां की ठेठ देसी गर्ल हैं. पूरी कहानी के केंद्र में हैं. सब कुछ उसके आसपास है. उन्होंने अपने रोल के साथ पूरा न्याय किया है.

Advertisement
Instafeed.org

By Skandita | मनोरंजन - 24 December 2021

अतरंगी मूवी री-रिव्यू:  सारा-धनुष और अक्षय का फिल्म में दबदबा, अनोखी प्रेम कहानी

फिल्म की खूबसूरती इसके किरदार हैं. सारा अली खान यहां की ठेठ देसी गर्ल हैं. पूरी कहानी के केंद्र में हैं. सब कुछ उसके आसपास है. उन्होंने अपने रोल के साथ पूरा न्याय किया है. वह उम्मीद कर सकती हैं कि आनंद एल राय की तनु वेड्स मनु ने कंगना रनौत के करियर में जो जादू किया, यह फिल्म उनके लिए करती है. यहां सारा के किरदार की परतें हैं और उन्होंने अभिनय के जरिए उन्हें अलग-अलग स्तरों पर जिया है.

यह भी पढ़ें :      जिसे योगी सरकार नकारती रही, गंगा मिशन के मुखिया ने माना, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा लाशों से 'फटी' थी.

चाकचक गाने पर उनका डांस एक अलग ही असर पैदा करता है. धनुष एक शानदार अभिनेता हैं और यहां वह अपनी छाप छोड़ते हैं. बात चाहे प्यार की हो या फिर कॉमिक टाइमिंग की, वह इससे चूकते नहीं हैं.  अक्षय कुमार के साथ अच्छी बात यह है कि उन्होंने कहानी में अपनी भूमिका की तात्कालिकता को समझते हुए इसे निभाया है. यह लचीलापन एक अभिनेता के करियर की जीवन रेखा को लंबा बनाता है. धनुष के दोस्त के रूप में आशीष वर्मा ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई.  एआर रहमान का संगीत और इरशाद कामिल के बोल कहानी को मधुर बनाते हैं.  किसी फिल्म में लंबे समय के बाद सभी गाने सुनने और गुनगुनाने जैसे होते हैं. लंबे समय के बाद रहमान फुल फॉर्म में हैं.


अतरंगी रे रोमांस, इमोशन और ड्रामा से भरपूर है. आनंद एल राय ने यहां सिनेमा की भव्यता को बरकरार रखा है. कैमरा वर्क और एडिटिंग अच्छी है. जीरो की असफलता के बाद राय यहां फिर से पुरानी लय में हैं. यही बात हिमांशु राय के लेखन के बारे में भी कही जा सकती है. उन्होंने कहानी में एक दिलचस्प मोड़ डाला है, जो फिल्म को रोमांस और ड्रामा से ऊपर उठाकर मानवीय बनाता है.

इतना तो तय है कि उन्होंने हीरो के दिल से ज्यादा दिमाग को तरजीह दी है. खासकर लास्ट पार्ट में. नहीं तो अतरंगी रे का बीच का हिस्सा देखना आपको लंबे समय तक कमल हासन-श्रीदेवी की क्लासिक फिल्म सदमा की याद दिलाता है. उस फिल्म जैसी करुणा यहां गायब है. करुणा सर्वोच्च मानवीय मूल्य है. यह इस बिंदु पर है कि 1983 में निर्देशक बालू महेंद्र के झटके से अतरंगी रीस पीछे छूट गई. जब तक आप थोड़े कठोर दिखने वाले नायक के बारे में सोचते हैं, अतरंगी हटा देती है और आप मज़ा भी खराब नहीं करना चाहते हैं.

Advertisement
Image
Advertisement
Comments

No comments available.